भ्रष्टाचार से विश्व अर्थव्यवस्था को 2600 अरब डॉलर का नुकसानः यूएन
संयुक्तराष्ट्र, (भाषा)। संयुक्तराष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने कहा है कि भष्ट्राचार के कारण वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 2600 अरब डॉलर या पांच प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से धनशोधन (मनी लॉनडिंग), कर चोरी और अवैध पूंजी प्रवाह के खिलाफ लड़ने के लिये काम करने का आग्रह किया है।
संयुक्तराष्ट्र प्रमुख ने शांति एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के खातिर भ्रष्टाचार से निपटने के लिये सोमवार को आयोजित एक सत्र के दौरान विश्वबैंक के हवाले से कहा कि कंपनी और व्यक्ति मिलकर हर साल 1000 अरब से ज्यादा की घूस देते हैं।
गुतेरेस ने विश्व आर्थिक मंच के पूर्वानुमान का हवाला देते हुये कहा, wभ्रष्टाचार अमीर-गरीब, उत्तर-दक्षिण, विकसित-विकासशील सभी देशों में मौजूद है। भ्रष्टाचार के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।w रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भ्रष्टाचार की वजह से 2600 अरब डॉलर या पांच प्रतिशत का नुकसान हो रहा है।
संयुक्तराष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेले भ्रष्टाचार पर सुरक्षा परिषद की बै"क की अध्यक्षता की। इसमें जोर दिया गया कि हिंसा और संघर्ष को बढ़ावा देने में भ्रष्टाचार ने निर्विवाद भूमिका निभाई है।
गुतेरेस ने कहा कि लोग देश के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ समय-समय पर आक्रोश व्यक्त करते रहते हैं। यह दिखाता है समाज में भ्रष्टाचार किस हद तक है। उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि राजनीतिक प्रतिष्"ान पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करें।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार प्रतिष्"ानों को नुकसान पहुंचाता है क्योंकि इसके कर्मचारी अपने आपको समृद्ध बनाने में जुट जाते हैं, लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करते हैं। यही नहीं भ्रष्टाचार से विदेशी निवेश भी दूर होने लगता है। सरकार और शासन के स्तर पर भ्रम पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण कई प्रकार से अस्थिरता और हिंसा आती है मसलन हथियारों, मादक पदार्थों और मानव तस्करी को बढ़ावा देती है। उन्होंने जोर दिया कि सुरक्षा परिषद और आम सभा ने भ्रष्टाचार, आंतकवाद और हिंसक अतिवाद के बीच संबंधों की पहचान की है।