अमेरिका के अस्पताल में दोनों फेफड़ों का एक साथ सफल प्रत्यारोपण
लॉस एंजेल्स । दुनिया में पहली बार अमेरिका में मिशिगन के हेनरी फ़ोर्ड अस्पताल में एक सत्रह वर्षीय किशोर के दोनों फेफड़ों का सफल प्रत्यारोपण किया गया। इस बालक का क़सूर सिर्फ़ इतना था कि उसे 'वैपिंग' अर्थात सिगरेट नुमा मादक पदार्थों के सेवन और धुआं निकालने की लत पड़ गई थी। इस प्रक्रिया ने उसके दोनों फेफड़ों को लाइलाज बना दिया।
हालांकि शल्य चिकित्सकों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह वैपिंग में किस मादक दवा का सेवन करता था और धुआं उड़ाता था। इसके लिए मरीज़ के परिवार ने गोपनीयता बनाए रखने का आग्रह किया था। अमेरिका में वैपिंग (एक तरह का धूम्रपान) ख़ूब प्रचलित है और इसकी एक बड़ी मार्केट है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उनका प्रशासन वैपिंग सेवन करने वाले युवाओं की आयु बढ़ा कर 21 वर्ष कर देंगे।
हेनरी फ़ोर्ड अस्पताल के शल्य चिकित्सकों ने मीडिया को बताया कि उसके फेफड़ों का प्रत्यारोपण नहीं किया जाता, तो वह मर जाता। डाक्टर हसन नेहमह (थोरोसिक सर्जन) ने कहा कि यह आपरेशन एक किशोर की जान बचाने के लिए ज़रूरी था। इस किशोर की पहचान गोपनीय रखने के लिए उसे डेटेराइट के सेंट जान अस्पताल में दाख़िल कराया गया था, जहां उसका निमोनिया का उपचार किया गया। लेकिन जब उसकी स्थिति बिगड़ने लगी तो उसे मिशिगन के शिशु अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा। इस अस्पताल में उसके फेफड़ों पर फ़ोकस कर उसे एक्ट्रा करपोरियल मेंबरान आक्सीजेनेशन (ई सी एम ओ) मशीन से आक्सीजन दी जाने लगी। इसका उसे लाभ तो मिला, लेकिन फेफड़े तेज़ी से सिकुड़ने लगे। इस पर फेफड़ों के शल्य चिकित्सकों ने फेफड़े ट्रांसप्लांट में विशेषज्ञ हेनरी फ़ोर्ड अस्पताल की टीम को बुलाया।
हेनरी फ़ोर्ड की टीम ईसीएमओ की पोर्टेबल मशीन के साथ उस किशोर को अपने निर्देशन में अपने अस्पताल में लेजाने में सफल हो गए। इस मरीज़ के दोनों फेफड़ों का एक साथ 15 अक्टूबर को ट्रांसप्लांट किया गया। इस बीच उसे वेंटीलेटर के साथ उस ईसीएमओ मशीन पर रखा गया।