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ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनाव में हराना आसान नहीं

👤 Veer Arjun | Updated on:18 Nov 2019 11:51 AM GMT

ट्रम्प को राष्ट्रपति चुनाव में हराना आसान नहीं

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लॉस एंजेल्स । अमेरिकी प्रांत लूजियाना में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के रिपब्लिकन उम्मीदवार एडी रिसपोने की लगातार दूसरी बार हार और डेमोक्रेट उम्मीदवार जान बेल की कड़ी स्पर्धा में जीत के बावजूद डेमोक्रेट प्रत्याशियों की बेचैनी कम नहीं हुआ है।

दरअसल, अमेरिका के आम मतदाताओं में यह धारणा बन गई है कि क़रीब डेढ़ दर्जन संभावित डेमोक्रेट उम्मीदवारों की भीड़ में कोई भी ट्रंप को हराने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि इससे पूर्व केंटुकी में भी गवर्नर के चुनाव में भी रिपब्लिकन उम्मीदवार की हार हो चुकी है। इन दोनों राज्यों में ट्रम्प चार साल पहले हुए चुनाव में विजयी रहे थे।

देश में पहले मतदान हाने वाले पांच राज्यों में से अयोवा में इंडियाना के साउथ बेंड नगर के मेयर बूटिगेग, पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन, एलिज़ाबेथ वारेन और बर्नी सैंडर्स जैसे महारथियों को पछाड़ कर वह आगे निकलते दिखाई पड़ रहे हैं। डेमोक्रेट संभावित प्रत्याशियों में सबसे कम उम्र के होनहार बूटिगेग गे हैं, लेकिन कम अनुभवी हैं और बड़ी तादाद में अपने डेमोक्रेट अश्वेत मतदाताओं का दिल जीत नहीं पा रहे हैं।

इतना ही नहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवारों में आगे चल रहे 76 वर्षीय जो बिडेन को लोग राष्ट्रपति पद के योग्य नहीं समझ रहे हैं। तेज़ तर्रार सिनेटर प्रोफ़ेसर एलिज़ाबेथ वारेन और 72 वर्षीय बर्नी सैंडर्स को लीक से हट कर समाजवादी चोला पहनने और उदारवादी रुख नहीं अपनाने की वजह से उपयुक्त माहौल नहीं मिल पा रहा है। बर्नी सैंडर्स की आक्रामक समाजवादी शैली के लिए युवा वर्ग ने भले ही उनमें रुचि दिखाई है, लेकिन अमेरिकी पूंजीवादी समाज उन्हें अपना पाएगा, इसमें संदेह है। विदित हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव अगले साल 3 नवंबर को होगा।

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में देश के बड़े दान दाताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति चुनाव में टिप्पणी करते हुए कहा कि डेमोक्रेट प्रत्याशियों को उदारवादी विचारधारा से विमुख होना महंगा पड़ सकता है।ओबामा ने अपने डेमोक्रेट उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वे अपने रवैए में जब तक परिवर्तन नहीं लाएंगे, तब तक उन्हें कंटीले मार्ग पर चलना पड़ सकता है। इस संबंध में ओबामा ने अपने अनेक अनुभव साझा किए और बताया कि उन्हें किस तरह परिस्थितियों से समझौता करना पड़ा। इस पर उन्हें प्राइमरी और फिर फ़ाइनल दौर में विजय मिली। इसके मद्देनजर मैसाचुटेस के दो बार गवर्नर रह चुके डेविड पैट्रिक डेमोक्रेट प्रत्याशी के रूप में मैदान में कूद चुके हैं। उन्हें मौडरेट माना जाता है।

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