व्यापार संबंधों में निष्पक्ष और समान शर्तों की जरूरत : पीयूष गोयल
दावोस । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत विभिन्न देशों के साथ व्यापार संबंधों में निष्पक्ष और समान शर्त हासिल करने के लिए काम कर रहा है। विश्व आर्थिक मंच की 50वीं बैठक को संबोधित करते हुए मंगलवार को गोयल ने हिंद महासागर क्ष्रेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाओं को हकीकत रूप देने और जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण मसले से निपटने के लिए विभिन्न देशों के बीच सहयोग का आह्वान किया।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी(आरसीईपी) संधि भारत के लिए हस्ताक्षर करने के अनुकूल नहीं था। उन्होंने कहा कि किसी भी समझौते में कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत विशेष रूप से चीन और अन्य दूसरे देशों के साथ बड़े व्यापार घाटे से जूझ रहा है। गोयल ने आरसीईपी से भारत के हटने के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार भारत ने ये दिखाया कि व्यापार कूटनीतिक पहले से निर्देशित नहीं हो सकता।
गोयल ने कहा कि आरसीईपी के मामले में जो चिंताएं हैं, उस पर गौर करने की जरूरत है। हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ (आईओआर) पर रणनीतिक परिदृश्य सत्र में गोयल ने यह भी कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है और निष्पक्ष आधार पर सहयोग पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर के लिए हम धुरी के समान हैं और इस क्षेत्र में काफी संभावना भी है लेकिन भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर बहुत चिंतित है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि निष्पक्ष और समान वितरण को ध्यान में रखते हुए हिंद महासागर के आसपास के सभी देश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर पूरे सहयोग की उम्मीद करता है। गोयल ने कहा कि हम दुनिया के अन्य देशों के साथ अपने व्यापार संबंधों में समान आधार पर शर्तों को रखने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। हिस