जापान में आपातकाल और 1 ट्रिलियन डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज घोषित
टोक्यो। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिये टोक्यो और छह अन्य प्रान्तों में जापान आपातकालीन स्थिति को लागू करने वाला है। इसके साथ ही सरकार ने 990 बिलियन डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज तैयार किया है ताकि महामारी के आर्थिक झटकों को कम किया जा सके।
जापान में कोरोनावायरस संक्रमणों की संख्या 4,000 से अधिक और मौतों की संख्या 93 हो चुकी है। कोरोनावायरस से जूझ रहे कुछ दूसरे देशों की तुलना में जापान में अभी बहुत बड़ा प्रकोप नहीं हुआ है। टोक्यो में कोरोनावायरस के 1,000 से अधिक मामले सामने आये हैं, जो विशेष चिंता की बात है।
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संक्रामक रोग विशेषज्ञों की राय का हवाला देते हुए कहा, "जापान को विदेशों की तरह लॉकडाउन कदम उठाने की जरूरत नहीं है। ट्रेनें चलती रहेंगी और सुपरमार्केट खुले रहेंगे। आपातकाल की स्थिति हमें संक्रमण को बढ़ाने से रोकने के लिए मौजूदा कदमों को मजबूत करने की अनुमति देगी, जबकि यह सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक गतिविधि यथासंभव संचालित होती रहें। "
आबे ने कहा कि आपात स्थिति एक महीने तक चलेगी। आपात स्थिति गवर्नरों को लोगों को घरों पर रहने और व्यवसायों को बंद करने का आदेश देने का अधिकार देगी। ज्यादातर मामलों में अनुरोधों की अनदेखी करने के लिए दंड का कोई प्रावधान नहीं है। इनको लागू करना सहकर्मियों के अधिकार के लिए सम्मान पर अधिक निर्भर करेगा। इसके कई अन्य देशों में लॉकडाउन की तरह कठोर होने की संभावना नहीं है।
जापान का कॉर्पोरेट जगत पहले ही इसका संकेत दे रहा था। कैनन इंक ने मंगलवार से 10 दिनों के लिए अपने टोक्यो मुख्यालय को बंद करने की घोषणा की है। सरकार पर यह कदम उठाने के लिए दबाव बढ़ रहा था। जबकि आबे ने जल्दबाजी में लोगों और व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
आबे ने यह भी कहा कि सरकार लगभग 108 ट्रिलियन येन का प्रोत्साहन पैकेज जारी करेगी। जिसमें 6 ट्रिलियन येन से अधिक नकद भुगतान घरों और छोटे व्यवसायों के लिए और 26 ट्रिलियन येन को सामाजिक सुरक्षा और कर भुगतान को स्थगित करने के लिए किया जाएगा। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस पैकेज का कितना पैसा नये सरकारी खर्च के लिये व्यय होगा।
इस आपातकाल को जनता का समर्थन प्राप्त है। प्रसारक संस्था टीबीएस द्वारा संचालित जेएनएन द्वारा सोमवार को प्रकाशित एक सर्वेक्षण में शामिल 80% लोगों ने कहा कि आबे को इसे घोषित करना चाहिए, जबकि 12% ने कहा कि यह आवश्यक नहीं है।
लेकिन किंग्स कॉलेज, लंदन में इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ के निदेशक केनजी शिबुया ने कहा कि टोक्यो में मामलों में विस्फोटक वृद्धि को देखते हुए आपातकाल लगाने में बहुत देर हो गई है। ज्यादा से ज्यादा 1 अप्रैल तक आपात काल को घोषित कर दिया जाना चाहिए था। (हि.स.)