अब हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर ने चीन के कदमों को 'धोखा' बताया
नई दिल्ली । हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर ने कहा कि चीन ने अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र पर नियंत्रण कड़ा करके शहर को धोखा दिया है।
क्रिस पैटन ने टाइम्स ऑफ लंदन के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "हम जो देख रहे हैं वह एक नई चीनी तानाशाही है। मुझे लगता है कि चीन ने हांगकांग के लोगों को धोखा दिया है। जिसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आप उस पर ज्यादा भरोसा नहीं कर सकते।"
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह उस संयुक्त घोषणा का पूर्ण विनाश है, जिस कानूनी दस्तावेज के अंतर्गत 1997 में "एक देश, दो प्रणाली" ढांचे के तहत पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को चीन को वापस सौंपा गया था।
यह 2047 तक हांगकांग को अपनी कानूनी प्रणाली और पश्चिमी जीवन शैली कायम रखने की स्वतंत्रता देता है। लेकिन पिछले साल शहर में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों को अधिकारियों द्वारा रोकने के बाद कई लोगों को भय है कि चीन अपने वादे से दूर हो रहा है।
पैटन का मानना है कि "एक देश, दो प्रणालियाँ" संधि संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी है। यह हांगकांग की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था और इसके जीवन के तरीके की रक्षा के लिए पर्याप्त है। उन्होंने ब्रिटेन से आह्वान किया कि वह हांगकांग के लिये खड़ा हो और अपने कानूनी दायित्वों के तहत हांगकांग की रक्षा करे। उन्होंने कहा, "ब्रिटेन के पास हांगकांग के लिए खड़ा होने का नैतिक, आर्थिक और कानूनी कर्तव्य है।"
चीन ने पैटन की टिप्पणियों की आलोचना की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हांगकांग चीन का आंतरिक मामला है और "किसी भी विदेशी देश को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।" हिस