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विवादित नए नक्शे पर नेपाल ने संसद में रखा संशोधन विधेयक

👤 manish kumar | Updated on:1 Jun 2020 7:43 AM GMT

विवादित नए नक्शे पर नेपाल ने संसद में रखा संशोधन विधेयक

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काठमांडू । नेपाल सरकार ने रविवार को संसद के निचले सदन में नया विवादास्पद राजनीतिक मानचित्र संबंधी विधेयक संसद में पेश किया जिसमें काला पानी सहित कुछ भारतीय भूभाग को नेपाल का हिस्सा बताया गया।

विधेयक को नेपाल की कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिव माया तुम्बाहम्फे ने पेश किया। संविधान यह दूसरा संशोधन विधेयक अनुच्छेद 3 में बदलाव करेगा तथा गत 20 मई को जारी किए गए राजनीतिक मानचित्र वर्तमान मानचित्र के स्थान पर संविधानिक दर्जा हासिल कर लेगा।

नेपाल ने कथित ऐतिहासिक दस्तावेजों और द्विपक्षीय समझौतों का हवाला देते हुए भारत के 336 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर दावा किया है। नेपाल ने नए मानचित्र में काली नदी के पूर्व के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी क्षेत्र को अपने भू-भाग के रुप में दर्शाया है। यह भू-भाग उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ जिले में आता है।

उल्लेखनीय है कि नए मानचित्र संबंधी संशोधन विधेयक को बुधवार को सूचीबद्ध किया गया था लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति न बनने के कारण इसे टाल दिया गया था। भारत ने विधेयक को टाले जाने प्रकारंतर से स्वागत किया था। विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा था कि यह अच्छी बात है कि नेपाल में इस मुद्दे की गंभीरता को समझा जा रहा है तथा इसपर मंथन जारी है। अब विधेयक पेश किये जाने के बाद भारत की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है।

नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस से समर्थन मिलने का बाद यह विधेयक संसद में पेश किया गया है। विधेयक को पारित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत चाहिए और इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। इस संबंध में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली पहले ही कह चुके हैं कि भारत को कालापानी और लिपुलेख से अपनी सेना हटा लेनी चाहिए और वहां यथा स्थिति बनाए रखनी चाहिए।

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