अमेरिका में जगह-जगह आगजनी और लूटपाट, टेंशन में ट्रंप ने किया सेना उतारने का ऐलान
अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लायड की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से अमेरिका जल रहा है. विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं.
हिंसा की लपटों ने राजधानी वॉशिंगटन डीसी (Washington dc) और वाइट हाउस (white House) को भी अपनी चपेट में ले लिया है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी मिलिट्री (US Military) उतारने का फैसला लेना पड़ा. कई बड़े शहरों से लूटपाट, दंगे और आगजनी की खबरें आ रही हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप (President Trump) ने कहा, 'जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या से सभी अमेरिकी दुखी हैं और उनके मन में एक आक्रोश है. जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
ट्रंप का कहना है कि मेरी पहली और सबसे बड़ी ड्यूटी यही है कि मैं देश की और अमेरिकी लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकूं. मैं शांतिपूर्ण प्रदर्शन को आक्रोशित भीड़ में बदलने की परमीशन नहीं दे सकता हूं.
वहीं, प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए वाशिंगटन डीसी में सेना की एक बटालियन को तैनात कर दिया गया है. सेना के करीब 250 जवान हालात पर नजर रखे हुए हैं.
बता दें कि फ्लॉयड की मिनीपोलिस में 25 मई को मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड की गर्दन पर तब तक अपना घुटना दबा कर रखा जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं. वो लगातार पुलिस वाले से घुटना हटाने के लिए कह रहा था कि वो सांस नहीं ले पा रहा है, पर करीब साढ़े आठ मिनट तक उसकी गर्दन दबी रही और आखिर में उसकी मौत हो गई.
फ्लायड की मौत का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल होने के बाद से देश भर में होने वाले विरोध प्रदर्शन पर अमेरिकी राष्ट्रपति की व्यापक रूप से आलोचना की गई है.