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चीन को खुश करने के लिए बांग्लादेश अनावश्यक रूप से खरीद रहा रेल के मीटर गेज वैगन

👤 Veer Arjun | Updated on:17 Jan 2022 10:29 AM GMT

चीन को खुश करने के लिए बांग्लादेश अनावश्यक रूप से खरीद रहा रेल के मीटर गेज वैगन

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ढाका । अपनी विस्तारवादी नीति की वजह से भारतीय उपमहाद्वीप में लगातार खतरा बनते जा रहे चीन को खुश करने में अब भारत का पड़ोसी बांग्लादेश भी जुट गया है। बांग्लादेश गैरजरूरी तरीके से मीटर गेज रेलवे वैगन की खरीद कर चीन को खुश करने में लगा है।

वर्तमान में, बांग्लादेश रेलवे के पूर्वी क्षेत्र में 560 मीटर गेज वैगन हैं। इनमें से 360 वैगन परिचालन में हैं।लोगों को मानना है कि बाकी को थोड़ी मरम्मत के बाद चलाया जा सकता है। वित्त वर्ष 2020-21 में पूर्वी क्षेत्र में वस्तु परिवहन क्षेत्र से राजस्व 145 करोड़ रुपये रहा है। सिलहट से उर्वरकों और चटगांव से चावल और गेहूं सहित सभी सामानों का परिवहन वर्तमान में मीटर गेज वैगन से किया जा सकता है। साथ ही सिलहट अगौरा की रेलवे लाइन में खराबी के चलते 30 की जगह 12 वैगनों का उपयोग माल परिवहन के लिए करना पड़ रहा है। इसके बाद भी बांग्लादेश चीन से अनावश्यक रूप से मीटर गेज वैगन खरीद रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2013 में चीन से खरीदी गई डेमो ट्रेन की तरह यह मीटर गेज वैगन भी उसके लिए गले की फांस बनने वाले हैं।

बांग्लादेश रेलवे एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और बांग्लादेश सरकार के वित्त पोषण से चीनी सीआरआरसी शेडोंग कंपनी लिमिटेड से 36 कवर्ड, 164 खुली और 20 ब्रेक वैन खरीदने जा रही है। बांग्लादेश रेलवे ने कंपनी के साथ 26 दिसंबर को 318.63 करोड़ रुपये के खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह मीटर गेज वैगन मार्च-अप्रैल 2023 से पहुंचने शुरू हो जाएंगे। समझौते के मुताबिक, वैगनों की डिलीवरी 18 से 30 महीने के भीतर करनी होती है। हालांकि, फिलहाल ज्यादातर मालगाड़ियां पश्चिम में चलती हैं। इनमें से लगभग सभी ट्रेनें ब्रॉड गेज की हैं। इसके अलावा, कोरोना काल में भारत से रेल के माल आयात में भी वृद्धि हुई है। रेल परिवहन विभाग के संबंधित लोगों का मानना है कि मांग नहीं होने के कारण मीटर गेज वैगन का इस्तेमाल नहीं होगा। नतीजतन, परियोजना के नाम पर बड़ी रकम बर्बाद हो जाएगी।

रेल परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद पिछले छह वर्ष में बांग्लादेश में कोई नया मीटर गेज रेलवे निर्माण परियोजना शुरू नहीं की गई है। पुराने मीटर गेज रेलवे को भी चरणों में ब्रॉड गेज या ड्यूल गेज में परिवर्तित किया जा रहा है तो 20 साल बाद देश में मीटर गेज रेलवे नहीं रहेगा। इसके अलावा, बांग्लादेश के पूर्वी हिस्से (पद्मा के पूर्वी तट) में मालगाड़ियां बहुत कम चलती हैं। क्षेत्र में मुख्य रूप से कंटेनर ट्रेनें और डीजल ट्रेनें चलती हैं। यही कारण है कि विभिन्न प्रकार के वैगन और टैंकर हैं। ऐसे में स्थानीय विशेषज्ञों का दावा है कि चीन को केवल खुश करने के लिए खरीद हो रही है।

इस संबंध में बांग्लादेश के रेल मंत्री नुरुल इस्लाम सुजान कहते हैं, "किसी देश को खुश करने के लिए नहीं मीटर गेज रेलवे को ब्रॉड गेज में बदलने में 20 साल और लगेंगे। इसलिए यह मीटर गेज वैगन चीन से खरीदा जा रहा है।"

बांग्लादेश रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, 2021 (जनवरी-जून) के पहले छह महीनों में 608 मालगाड़ियों का संचालन किया गया। इनमें से लगभग सभी पश्चिमी भाग (पद्मा के पश्चिमी तट) में हैं और यह पूरी रेलवे लाइन ब्रॉड गेज है। भारत से आयातित मैंगो स्पेशल ट्रेन, ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन और फ्रेट ट्रेन भी पूरे पश्चिम में हैं। कुछ पार्सल ट्रेनें पूर्व में चलती हैं, जिनकी संख्या बहुत कम है।

नाम न छापने की शर्त पर बांग्लादेश रेलवे के अधिकारी ने बताया कि एक दशक पहले भी देश के कुल आयात-निर्यात उत्पादों का 10 प्रतिशत रेल से परिवहन होता था। अब यह पांच फीसदी से नीचे आ गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि वर्तमान में ढाका से चटगांव तक सड़क मार्ग से माल के परिवहन में रेल की तुलना में कम समय लगता है। इसके अलावा यात्री ट्रेनों को प्राथमिकता देने के लिए अक्सर मालगाड़ियों को होल्ड पर रखा जाता है। इसलिए नया मीटर गेज वैगन खरीदने की परियोजना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।

जानकार बताते हैं कि 2013 में चीन से 754 करोड़ रुपये की लागत से 20 डेमो ट्रेनें खरीदी गई थीं। पांच साल के भीतर सभी डेमो ट्रेनें खराब हो गईं। अब इन्हें कबाड़ में देने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है। डेमो ट्रेन खरीदने के लिए विदेश गए 30 अधिकारियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं की गई ।

हालांकि, बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर सैयद शमसुल हक का कहना है कि बांग्लादेश में खरीदारी में भ्रष्टाचार के लिए किसी को नहीं दंडित किया जाता है। इसलिए कई मामलों में सरकार में शामिल शीर्ष स्तर के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह मीटर गेज खरीद परियोजना एक डेमो ट्रेन की तरह न बन जाए।(हि.स.)

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