अपनी नौकरी से जुड़े इन अहम नियमों के बारे में भी जाने
नई दिल्ली। आज यानी की 25 सितंबर का दिन हर नौकरीपेशा के लिए एक अहम दिन है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज का ही वो दिन है जब नौकरी यानी की जॉब को लेकर कई अहम नियम बनाये गए थे. आज के दिन और आपकी नौकरी से जुड़े कुछ बातों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा.
25 सितंबर, 1926 को ही फॉर्ड मोटर कंपनी ने कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम उठाया था. कंपनी ने कर्मचारियों के लिए रोजाना 8 घंटे और हफ्ते में पांच दिन काम का नियम अपनाकर एक नई परंपरा कायम की।
धीरे-धीरे दुनिया में यह नियम चल निकला और ज्यादातर कंपनियां इस नियम पर अमल करने लगीं.इन नियमों को 100 साल पहले बनाया गया था.लेकिन समय-समय पर कंपनियों ने अपनी सुविधा के अनुसार इन नियमों में बदलाव कर लिया.
19वीं सदी ये वो सदी थी जब 8 घंटे रोजाना काम के नियम को हर कंपनी के लिए लागू करने की मांग उठी. धीरे-धीरे इस मांग ने आंदोलन का रुप ले लिया. ये आंदोलन eight-hour day movement या 40-hour week movement या short-time movement के नाम से जाना गया.
ब्रिटेन की औद्योगिक क्रांति के बाद ये आंदोलन हुए. क्योंकि औद्योगिक क्रांति के बाद कारखानों में कामगारों का शोषण एक आम बात हो गई थी.कंपनियां कामगारों से जमकर काम करवाती थी.वो न ही लोगों को उनके काम के हिसाब से पैसे देती थी और न ही छुट्टियां देती थी।
एक हफ्ते में छह दिन काम लिया जाता था और हर दिन करीब 10 से 16 घंटे तक काम कराया जाता था.उस समय छोटे-छोटे बच्चों से काम करवना यानी की बाल मजदूरी भी आम बात बन गई थी।
महान समाज सुधारक रॉबर्ट ओवन ने 1810 में दस घंटे रोजाना काम के नियम की मांग उठाई. 1817 में उन्होंने आठ घंटे नियम की मांग उठाई और आठ घंटे मेहनत, आठ घंटे मनोरंजन, आठ घंटे आराम का नारा उछाला.इसके बाद इंग्लैंड में बच्चों के लिए आठ घंटे काम का नियम अपनाया गया. जिसके बाद से ही ये नियम अस्तित्व में आया था।