Home » उत्तराखंड » जिलाधिकारी गांवों में जाकर करें समस्याओं का निस्तारण ः मुख्यमंत्री

जिलाधिकारी गांवों में जाकर करें समस्याओं का निस्तारण ः मुख्यमंत्री

👤 | Updated on:11 May 2010 2:12 AM GMT
Share Post

वीर अर्जुन संवाददाता देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को सचिवालय में वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से पदेश के सभी जनपदों में विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि बै"कों के नाम पर अनावष्यक देहरादून का चक्कर लगाने वाले अधिकारियों पर रोक लगे और बिना मुख्य सचिव की अनुमति के कोई भी अधिकारी जनपद मुख्यालय न छोड़े। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के जनपदो में नहीं रहने में जनता को अनावष्यक परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी यह सुनिष्चित करें कि सभी सरकारी कार्यालय समय से खुले एवं जनता की समस्याओं का निराकरण समयबद्ध तरीके से हो। उन्होंने कहा कि बिजली पानी, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की सर्वोच्च पाथमिकता वाले क्षेत्र है और जिलाधिकारी इनकी नियमित समीक्षा किया करें। उन्होनें कहा कि सभी जिलाधिकारी जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों में पूर्व निर्देशों के ाढम में रात्रि पवास करें और जनता की समस्याओं का निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि रात्रि पवास की पािढया केवल खानापूरी नही होनी चाहिए, वरन उसके उपरांत उस स्थान की समस्याओं में क्या कमी हुई, इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को नियमित रूप से भेजी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि रात्रि पवास के दौरान छोटी-छोटी समस्याएं जैसे किसी की पेंशन नही लगी, कही पानी का नल टूटा हुआ है, सड़क खराब है, स्कूल में अध्यापक नही है, बिजली की क्या स्थिति है, सभी की गहन समीक्षा की जाय। उन्होंने कहा कि रात्रि विश्राम के नाम पर ब्लॉक मुख्यालय जैसे सुगम स्थान चिन्हित करने के बजाय यथा संभव दुर्गम स्थलों का चयन किया जाय। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को जनता की समस्याओं को सुनने के लिए दिन एवं समय निर्धारित कर उसका व्यापक पचार-पसार करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं अगले माह से पदेश के अटल आदर्श ग्रामों सहित अन्य गांवों का औचक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जिन घोशणाओं पर शासनादेश जारी हो चुके है, उन पर तत्काल कार्यवाही सुनिष्चित की जाय। उन्होनें निर्देश दिये कि पुलिस अधीक्षकों ने अपने कार्यकाल में अपराधों की रोकथाम के लिए क्या पयास किये है और उनके आने के बाद से जनपद में अपराधों में कितनी कमी आई है, इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाय। उन्होंने कहा कि यदि हरिद्वार जैसे सुगम स्थल में भी कर्मचारी एवं अधिकारी गांवों तक नही पहुंचते है, तो उनके विरूद्ध क"ाsर कार्यवाही की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकरी शिक्षा से संबंधित समस्याओं के लिए सीधे जवाबदेह होंगे। अटल आदर्श ग्राम सरकार की पाथमिकता है और इसके लिए चालू वित्तीय वर्श में पथम चरण में 90 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी गई है। वीडियो काफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े जनपदों की विशेश रूप से समीक्षा की।  उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को पॉलीथीन मुक्त बनाना जिलाधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। इसके लिए वे व्यापार संग"नों एवं नागरिक संग"नों से समन्वय करें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में पॉलीथीन पर रोक संबंधित सूचना जी.एम.वी.एन. एव ंके.एम.वी.एन. के सभी कार्यालयों में उपलब्ध रहे, जिससे यहां आने वाले यात्रियों को यह जानकारी पहले से ही हो। मुख्यमंत्री ने गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता एवं सुचिता की पतिबद्धता को दोहराते हुए जिलाधिकारियों से इस दिशा में "ाsस कार्य करने की अपेक्षा की।    उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर गंगा में सीवर रोकने की स्थायी व्यवस्था नही हो पायी है, वहां अस्थायी रूप से क्या व्यवस्था हो सकती है, इस पर पर्यटन सचिव, पेयजल सचिव एवं सभी संबंधित जिलाधिकारी बै"कर विचार करे एवं आवष्यक कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने चारधाम के सभी जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग पर बिजली, पानी, खाद्यान्न, मिट्टी का तेल, कोयला, आदि की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारी रूदपयाग को घोड़ा पड़ाव गौरीकुण्ड में साफ सफाई, दुरस्त रखने के निर्देश दिये। उन्होंने पुलिस पशासन एवं आबकारी विभाग को यात्रा मार्ग पर शराब के गैर कानूनी व्यवसाय पर रोकथाम करने के निर्देश दिये। उन्होंने यात्रा मार्ग पर होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में संभागीय परिवहन अधिकारियों की जवाबदेही सुनिष्चित करने करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर पत्येक चिकित्सालय में कम से कम एक चिकित्सक अथवा फार्मासिस्ट की तैनाती सुनिष्चित की जाय। उन्होंने श्रीनगर बेस चिकित्सालय में बड़ी आपदाओं से निपटने के लिए चिकित्सकों के दल के साथ 108 आपात चिकित्सा सेवा की एम्बुलेंस, आपदा पबन्धन टीम एवं एस.एस.बी. के जवानों की तैनाती करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी आपातकाल में अधिकारियों का रिस्पांस टाइम बेहद कम होना चाहिए और आवष्यक मदद तत्काल घटना स्थल पर पहुंचनी चाहिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को कहा कि वे गत वर्शों के अनुभवों से सीख लेते हुए इस वर्श सफलतम चारधाम यात्रा हेतु जुट जाय। बै"क में मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल, पमुख सचिव मुख्यमंत्री डी.के.कोटिया, पमुख सचिव स्वास्थ्य एस.राजू, पमुख सचिव पर्यटन राकेश शर्मा, पमुख सचिव गृह अनूप बधावन, सचिव ऊर्जा उत्पल कुमार सिंह, मण्डलायुक्त गढ़वाल उमाकांत पंवार, सूचना निदेशक अक्षत गुप्ता, अपर सचिव मुख्यमंत्री दीपम से", अजय पद्योत सहित पुलिस मुख्यालय एवं जनपदों के अधिकारी उपस्थित थे।

Share it
Top