काबिलियत से मिलेगी सफलता
· थ्री इडियट्स को युवाओं ने न सिर्प एक फिल्म के रूप में पसंद किया, बल्कि अब फिल्म के कंसेप्ट को असल जीवन में एप्लाइ करने को भी तैयार हैं, क्योंकि फिल्म में वहीं कहा गया जो आज का युवा सोचता है। फिल्म में रैंचो का किरदार निभा रहे आमिर खान के इस डायलॉग 'सफलता नहीं काबिलियत के लिए पढ़ो, कामयाबी तो झक मार कर पीछे आएगी' से युवा खासे प्रभावित हुए हैं। · अपनी पढ़ाई की राह को उन्होंने न सिर्प काबिलियत की मंजिल की ओर मोड़ दिया है, बल्कि अपने मन का कॅरियर चुनने का भी मन बना लिया है। 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाला शुभम अपने दोस्तों के अच्छे नंबर देख घबराता नहीं। 10 वीं में भी उसे बस फर्स्ट डिवीजन के नंबर ही मिले। लेकिन उसका कहना है कि मुझे नंबर से क्या करना है, मैं तो एनिमेशन और ग्राफिक डिजाइनिंग फील्ड में जाना चाहता हूँ। · इसलिए 12वीं की पढ़ाई खत्म कर मैं किसी अच्छे ग्राफिक डिजाइनिंग संस्थान से जुड़कर अपने सपने और शौक को पूरा करूँगा। डॉक्टर, इंजीनियर या मैनेजर बनना मेरे बस का नहीं। मैं तो ािढएटिव फील्ड का बंदा हूं। शुभम ने जवाहर बाल भवन की ओर राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकला में खुद को स्थापित करते हुए कई पुरस्कार भी जीते हैं। · पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र सचिन जैन बताते हैं कि मुझे हमेशा से गिटार बजाना पसंद था। मैं स्टेज पर रॉक स्टार की तरह परफॉर्म करने के सपने देखा करता था। लेकिन पापा को खुश रखने के लिए मैंने इंजीनियरिंग ज्वाइन कर लिया। अब मुझे लग रहा है कि एक बेकार इंजीनियर बनने से अच्छा है कि मैं गिटारिस्ट बनूँ। इसलिए मैंने पापा को मनाने का मन बना लिया है।