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हॉलीवुड में कदम रखने जा रहे हैं पेम चोपड़ा

👤 | Updated on:24 May 2010 3:56 PM GMT
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बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर खलनायक पेम चोपड़ा ने अब हॉलीवुड की ओर भी अपना कदम बढ़ाया है। वह फिल्म `हार्टलैंड` के साथ हॉलीवुड में कदम रखने जा रहे हैं। निर्देशक फ्रेड होलमेस की इस फिल्म में पेम चोपड़ा मुख्य किरदार में नजर आएंगे। फिल्म की कहानी टेक्सास और पंजाब के दो गांवों के चारों ओर बुनी गई है। अब तक 400 से ज्यादा हिन्दी और पंजाबी फिल्मों में काम कर चुके चोपड़ा कहते हैं कि उन्होंने इस फिल्म को केवल इसलिए स्वीकार किया क्योंकि इसमें भूमिका अच्छी थी। वह कहते हैं कि यह फिल्म मैंने इंटरनेशनल टैग के लिए नहीं की। हाल ही में पेम चोपड़ा राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म दिल्ली-6 में नजर आए थे और अपने किरदार से लोगों का ध्यान एक बार फिर आकर्षित किया था। पेम चोपड़ा का जन्म में रणबीर लाल और रूपरानी चोपड़ा के घर लाहौर में हुआ था। आजादी के बाद जब देश का विभाजन हुआ तो इनका परिवार शिमला चला आया। पेम अपने माता-पिता की छह संतानों में से तीसरे नंबर के थे। शिमला में ही सभी भाई-बहनों ने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पेम ने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा हासिल की। इस दौरान पेम अभिनय करना शुरू कर चुके थे और स्कूल कालेज के दिनों में विभिन्न नाटकों में कई पकार के किरदार निभाये। उन्हें कई नाटकों में सर्वश्रेष्" अभिनेता भी चुना गया। इस उत्साहवर्धन ने उन्हें मुंबई जाने के लिए पेरित किया जहां उन्हें शुरू में काफी संघर्ष करना पड़ा। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाइम्स आफ इंडिया के सर्कुलेशन विभाग में नौकरी पकड़ी साथ ही साथ फिल्मी दुनिया में अपना भाग्य आजमाने का पयास भी करते रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ पंजाबी फिल्में जैसे चौधरी करनेल सिंह, सपनी और कुछ हिंदी फिल्में वो कौन थी, शहीद, मैं शादी करने चला और तीसरी मंजिल में काम किया। पेम को असली पहचान मिली फिल्म उपकार से जिसमें उन्होंने नेगेटिव रोल किया। इस रोल में उन्होंने जान डाल दी। फिल्म के अन्य पक्ष भी सशक्त थे जिससे कि फिल्म सुपरहिट साबित हुई और यहीं से पेम का भाग्य चमका और वह बन गये हिन्दी फिल्मों के मशहूर खलनायक। उनका डायलाग, `पेम नाम है मेरा, पेम' इतना हिट हुआ कि लोग बताते हैं कि उन दिनों पेम चोपड़ा के पशंसक उनको जो पत्र भेजते थे वह खाली उनका नाम लिखा होने पर भी उनके पते पर पहुंच जाता था। आज 35 वर्षों से बॉलीवुड में सकिय पेम चार सौ से भी ज्यादा हिन्दी और पंजाबी फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनके काम को सम्मान देते हुए उन्हें कई बार विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा भी जा चुका है जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कार के अलावा लायन्स, पंजाबी कला संगम अवार्ड शामिल हैं। उन्होंने यूएई, ब्रिटेन, अमेरिका, हालेण्ड, फिजी और सिंगापुर में कई स्टेज शो भी किये और अपना जबरदस्त पदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पेम चोपड़ा चैरिटी के काम से भी जुड़े हुए हैं और उन्होंने अस्पताल बनवाने, स्कूल और मंदिर आदि के लिए काफी योगदान दिया है। पेम चोपड़ा की शादी 1969 में उमा से हुई और उनकी तीन बेटियां रकिता, पुनीता और पेरणा हैं। तीनों ही लड़कियों को उन्होंने अच्छी शिक्षा दी और लड़कियां भी पेम चोपड़ा में एक सशक्त पिता की छवि देखती हैं। पेम चोपड़ा अब नाना भी बन चुके हैं। पुनीता और पेरणा की भी बेटियां हैं जिनके नाम कमशः सांची और ख्याना हैं। अपने रोल में जान डालने के लिए मशहूर यह अभिनेता आज उन बुलंदियों तक पहुंच चुका है जिनमें आज के दौर के खलनायक एक अभिनय संस्थान की छवि देखते हैं। वीर अर्जुन    

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