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शरीर में थकान है कहीं आयरन की कमी तो नहीं ?

👤 | Updated on:24 May 2010 4:08 PM GMT
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सीढ़ियां चढ़ते ही सांस चढ़ जाए, दो सौ मीटर की दौड़ लगाते ही सांस पफूलने लगे, पास की मार्केट में पैदल जाकर आप थक जाते हैं। क्या आपके साथ यह समस्या है? आपने इसके बारे में क्या किया? थोड़ी देर आराम किया और पिफर भूल गये। लेकिन यह नहीं सोचा कि यह लक्षण आयरन की कमी की ओर संकेत कर रहे हैं। सबसे पहले तो यह जानें कि आपमें आयरन की कमी कैसे हो गई। जो आहार आप ले रहे हैं क्या वह संतुलित आहार नहीं है? क्या आपको जंक पफूड खाना ज्यादा पसंद है? या पिफर आप कामों में इतना व्यस्त रहते हैं कि आप यह भूल जाते हैं कि इतने क"िन परिश्रम के बाद आपको संतुलित आहार ही लेना चाहिए। इसकी बजाए आप कुछ भी खाकर काम चला लेते हैं। कारण कुछ भी हो, हकीकत यह है कि उचित व संतुलित आहार न लेना आयरन की कमी होने का मुख्य कारण बन सकता है। रक्तस्राव से व्यक्ति एनीमिक हो जाता है यानी उसमे खून की कमी हो जाती है। शरीर में होने वाली ब्लीडिंग से भी जो अकसर दिखायी नहीं देती, से भी खून की कमी हो जाती है। यह बवासीर, अल्सर या नाक से खून बहने से भी हो सकती है। खून की कमी का अर्थ है आयरन की कमी होना। अगर उर्जा स्तर गिर रहा है। थकान परेशान कर रही है। चेहरा पीला पड़ गया है तो इसके लिए दूसरों को दोषी न मानें। अपना हेमोग्लोबिन चैक करायें। पुरुषों का सामान्य हेमोग्लोबिन 13-17 ग्राम पति 100 ;मिलीलीटरद्ध रक्त में होता है। महिलाओं के लिए यही मात्राा 12-15 ग्राम पति 100 ;मिलीलीटरद्ध है। इससे कम का अर्थ है कि आप एनीमिक हैं। बच्चे आंतों में कीड़ों की वजह से भी एनीमिक हो सकते है। इससे उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर असर पड़ता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा आयरन लेना भी स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं होता। इससे ही मोक्रोमाटोसिज हो जाता है जो जिगर को नुकसान पहुंचाता है। आयरन की कमी के जेनेटिक कारण भी होते है। अगर आप के परिवार में बदहजमी का इतिहास है यानी आंतो से पर्याप्त न्यट्रिशियंट्स हजम नहीं हो पाते, तो भी आप एनीमिक हो सकते है। अगर गर्भधारण करते समय मां एनीमिक है तो वह एनीमिक बच्चे को जन्म दे सकती है। एनीमिक होने से बहुत सी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। दिन भर थकान का अहसास एक परेशानी है। एनीमिक का अर्थ है शरीर में हेमोग्लोबिन की कमी, जिसके कारण शरीर को आक्सीजन कम मिलता है। ऐसी स्थिति में आप के हृदय को पर्याप्त आक्सीजन के लिए अध्कि मेहनत करनी होगी जिससे दिल का आकार बढ़ सकता है, जो और समस्याएं खड़ी कर देता है जैसे सांस लेने में क"िनाई होना, बेचैनी होना और कन्जेक्टिव हार्टपफेलियर  होना जिसमें दिल शरीर के अन्य हिस्सों को पर्याप्त रक्त नहीं संचालित कर पाता। हर उम्र की महिला को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि उचित मात्राा में आयरन लेना सुनिश्चित किया जा सके। मासिक चक्र के दौरान जो रक्त स्राव होता है उसकी पूर्ति संतुलित आहार से की जा सकती है। जिन महिलाओं को मासिक र्ध्म के दौरान ज्यादा रक्त स्राव होता है तो उन्हें आयरन सपलिमैंट्स लेने चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संग"न के अनुसार पेगनैंसी और स्तनपान कराने के दौरान महिलाओं को अध्कि आयरन युक्त आहार लेना चाहिए। इसकी मात्राा 40 मिलीग्राम पतिदिन होनी चाहिए। आयरन सप्लीमैंट्स लेना अच्छी बात है, लेकिन बिना डाक्टर की सलाह के न लें। आयसरन कोई डाक्टर के मश्विरे पर ही शुरू करें। एनेमिया के कई कारण हो सकते हैं, पहले उनका डायगनोज करना  आवश्यक है। आयरन सप्लीमैंट्स कभी भी खाली पेट न लें। इन्हें दिन के एक निश्चित समय पर लेना चाहिए। वैसे जिन पफूडस मे आयरन अध्कि है उन्हें लेना पफायदेमंद होता है। पफलों में पपीता, आम, अनार और केले में अध्कि आयरन होता है जबकि अनाज व सब्जियों में ब्राउन राइस, सनफ्रलावर सीड्स, चिकपीज, व्हीटजर्म, गाजर, चकुंदर, लोटस स्टेम, मस्टर्ड लीव्ज और हरे पत्ते जैसे पालक और पफूलगोभी में आयरन अध्कि होता है। अगर आप मांसाहारी हैं, तो ऑर्गनमीट, रेडमीट, पी पफूड मोइसर, ड्राइपिफश आयरन के लिए लें। आयुर्वेद के अनुसार अपने आहार में ब्राउन राइस, बारले, लेन्टिल्स, मूंगदाल, हरा चना, सेब और अंगूर शामिल करें। लेकिन उड़द दाल और तिल के बीज/तेल से बचें क्योंकि यह देर में हजम होते हैं। गौरतलब है की एनीमिक व्यक्तियों की पाचन क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उन्हे कम मात्राा में खाना चाहिए। बहुत से पफूड स्टोर्ज में ऑर्गेनिक एक्सटैक्ट्स मिलते है जो पौष्टिक होते है। अगर आपको हरी सब्जियां पसंद नहीं है, तो उनके पाउडर एक्सटैक्ट्स ले लें। आपको बंदगोभी, चकुंदर और पालक, जयी का पाउडर मिल जायेगा। आपको करना सिपर्फ यह है कि दो चम्मच पाउडर को पानी या दूध् में मिला लें और उसे पी जायें। इसके अलावा डेनडिलिओन व होर्सटेल जैसी जड़ी बूटियों में लिक्विड एक्सट्क्टैस भी उपलब्ध् हैं जो एनीमिया से लड़ने में मदद करते हैं। यह जड़ी बूटी शरीर में आयरन पैदा करती है और इनसे कब्ज भी नहीं होता। यह बात विशेष रूप से ध्यान रखें कि कैलशियम और आयरन की गोलियां एक साथ नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह एक दूसरे के हाजमें में हस्तक्षेप करती हैं। डॉ.भारत भूषण  

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