मीडिया पर हमला
कट्टर हिंदूवाद के समर्थक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने `आज तक' के दिल्ली स्थित कार्यालय पर हमला कर भारी तोड़फोड़ की। आज तक के सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे ने एक स्टिंग आपरेशन के तहत कुछ वीडियो चैनल पर प्रसारित किए थे। इस वीडियो में कथित तौर पर किसी स्थान पर बम विस्फोट करने की योजना बनाते हुए आरएसएस के कार्यकर्ताओं को दिखाया गया था। क्षुब्ध कार्यकर्ताओं ने अपना रोष प्रकट करने के लिए तोड़फोड़ का जो तरीका अपनाया, वह आरएसएस के लिए दागनुमा साबित हुआ। तोड़फोड़ की इस घटना की सभी ने भरसक निन्दा की। वास्तव में यह हमला किसी चैनल विशेष पर नहीं बल्कि मीडिया की आजादी पर हमला था। अभिव्यक्ति की आजादी देश के हर नागरिक ाsक है। फिर मीडिया तो लोकतंत्र का चौथा सम्तभ है। मीडिया पर इस तरह का हमला काफी चिन्ता का विषय है। इससे पहले भी मीडिया दफ्तरों पर हमले होते रहे हैं। लेकिन देश में हिंदुत्व का अलख जगाने वाले आरएसएस द्वारा ऐसी घटना को अंजाम देना, संघ के मूल से भटकाव की ओर इशारा है। हैरानी की बात तो यह है कि एक दिन की तीव्र आलोचना के अलावा मीडिया तंत्र ने इस पर कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है। इससे भी आगे सरकार की बेरुखी और भी चौंकाने वाली है। जरूरी तो यह है कि हमला करने वालों के खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि राष्ट्र में फैले भ्रष्टाचार और आतंक फैलाकर अपने स्वार्थ सिद्ध करने वालों के खिलाफ मीडिया की आवाज बुलंद रह सके। -अनूप सिंह, पीतमपुरा, दिल्ली।