हिन्दू कभी आतंकी नहीं हो सकता
यदि किसी हिन्दू संस्था ने आतंकवाद का सहारा लिया होता तो आज के भारत में कोई मुसलमान सिर उठाकर न जी सकता और कश्मीर में जो भ्रष्ट राजनीति के चलते मुसलमान आतंकवादियों व अलगाववादी पार्टियां सिर न उठा पातीं और कब का कश्मीर छोड़ पाकिस्तान जा चुकी होतीं और जो अयोध्या में राम मंदिर बनाने का हिन्दुओं का सपना कब का पूरा हो गया होता और दिग्विजय सिंह जैसे थाली के बैंगन कब के संघ की जी-हुजूरी में लग जाते। हिन्दुओं के मूल सिद्धांत `जियो और जीने दो' को समक्ष रख हिन्दू अपने हिन्दुत्व के संरक्षण कार्य को सफल बनाने में लगा है और जब कांग्रेस को कोई और मुद्दा नहीं मिला तथा माओवादियों एवं नक्सलवादी आक्रमणों से घबराकर जब कांग्रेस एवं यूपीए सरकार को कोई सफलता नहीं मिली तो अपनी असफलता की खीज मिटाने के लिए हिन्दू आतंकवाद का नया षड्यंत्र गढ़ने में लग गए हैं। सब जानते हैं कि हैदराबाद, बेंगलुरु, सूरत सहित जिन स्थानों पर आतंकवादी आक्रमण हुए हैं और जो भारत के अन्य क्षेत्रों में धमाके हो रहे हैं वे जेहादी प्रयोगशाला की देन है तथा खुफिया विभाग ने भी सिम्मी व आईएम जैसे संगठनों का हाथ होने के संकेत दिए हैं। कांग्रेस के दिग्गज तो आंख बन्द कर हवा में लाठी चलाते हैं और ले-देकर संघ परिवार पर ही वार करने की कोशिश में लगे हैं और दिग्विजय सिंह के बिना सिर-पैर के बयानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि झूठे बयानों पर दिग्विजय कांग्रेस में वाहवाही लूटना चाहते हैं। माओवादियों व नक्सलवादियों से अपनी सांठगांठ पर परदा डालने के लिए यूपीए सरकार मनघड़ंत बयान दे रही है और कह रही है कि भाजपा की नक्सलवादियों से मिलीभगत है और छत्तीसगढ़ में जो सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए हैं वह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा ने सैनिकों की हत्या में नक्सलियों का साथ दिया है। अब जब हर जघन्य हत्याकांड में मुस्लिम ही पकड़े जाते हैं तो वोट बैंक के चलते अपने पिट्ठुओं को बचाने पी. चिदम्बरम का यह बयान कि अब हिन्दू आतंकवाद सिर उठा रहा है और झूठ के आधार पर साधु-साध्वियों को आतंकवादी करार दे उन्हें पकड़कर यातनाएं देना कहां का न्याय है और हालांकि साध्वी का तीन-तीन बार नार्को टेस्ट करवाया गया और कोई सबूत नहीं मिला कि साध्वी किसी षड्यंत्र में पाई गई फिर भी उसे यातनाएं देना किस देश की सभ्यता है। अच्छा यही है कि कांग्रेस संघ पर दोषारोपण करने के बजाय जो नक्सलवादियों द्वारा विपत्ति आई है उसका सामना करें। -राजेश कुमार भारद्वाज, शाहदरा, दिल्ली।