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इंग्लिश ः स्कूल लेवल पर

👤 | Updated on:9 Feb 2013 12:56 AM GMT
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 माना जाता है कि निश्चित समय में चीजें अपनी शक्ल बदल लिया करती हैं। इंग्लिश की भी तासीर कुछ ऐसी ही है, जो प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर महज एक विषय के तौर पर पढाई जाती है तो बीतते वक्त के साथ कॅरियर ग्रोथ की जरूरत में तब्दील हो जाती है। पर पहले ऐसा नहीं था यहां तक कि इंग्लिश की पढाई ही अमूमन कक्षा 6 से शुरू हुआ करती थी। इंग्लिश बोलने जानने वाले लोग भी कम ही थे। आज चीजें तेजी से बदली हैं। नतीजतन मदर लैंग्वेज न होने के बाद भी आज देश में अंग्रेजी समझने वालों की संख्या बढी है और शायद इसी के चलते विदेशों में भारतीय इंग्लिश के ग्राहक भी बढे हैं। कॉल सेंटर, ऑनलाइन ट्यूशन से लेकर इंटरनेशनल बिजनेस मीट तक में भारतीयों का यह हुनर सिर आंखों पर लिया जा रहा है। यह सब संभव हुआ प्राथमिक स्तर पर इंग्लिश लर्निग टीचिंग के मजबूत ढांचे के चलते। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में तेज सरकारी प्रयास व मौजूदा संसाधन की बदौलत इंग्लिश आने वाले समय में बडे अवसरों को पैदा कर रही है। कोई कुछ भी कहे लेकिन अंग्रेजी भाषा समाज केताने बाने में फर्प ला रही है। यह सिर्प एक भाषा नहीं बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा का कारण भी बन रही है। एक टीवी कॉमर्शियल में पहले अपनी कमजोर इंग्लिश से दरकिनार महसूस करने वाली मिसेज शर्मा जब फर्राटे से इंग्लिश बोलती हैं, तो वे एक ब्रांड के प्रचार के साथ साथ बदलते दौर की धारणाएं भी बयां कर जाती हैं। समझा जा सकता है कि आज सामाजिक संदर्भो में अंग्रेजी किस तरह प्रभावी हो रही है। कार्यक्षेत्र में अंग्रेजी के बढे महत्व के चलते अमूमन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में इंग्लिश नॉलेज को अनिवार्य?बना दिया गया है। आइएएस से लेकर रेलवे तक ज्यादातर परीक्षाओं में इंग्लिश, सफलता का बडा कंपोनेंट मानी जाती है। तो वहीं इंटरव्यू व जीडी में भी स्पोकन इंग्लिश के बगैर काम नहीं चलता। ऐसे में जरूरी है कि कॅरियर की ट्रेन पकडने से पहले अपना इंग्लिश का प्लेटफॉर्म मजबूत बनाएं। इन दिनों इंग्लिश, कॅरियर में कामयाबी पाने की बडी शर्त है। कंपटीशन में तो इसका महत्व है?ही, जॉब की अंतिम सीढी यानि इंटरव्यू में भी इसकी कम अहमियत नहीं है। जॉब के दौरान भी यह उतना ही काम आती है। बकौल विशेषज्ञ आज जॉब में तरक्की की गुंजाइश उस व्यक्ति के लिए सर्वाधिक है, जो इंग्लिश में फ्लूयंट है। इसके अलावा इन दिनों तमाम तरह के जॉब हैं, जहां आपकी इंग्लिश नॉलेज व स्पीकिंग को ही परखा जाता है।  ज्यादातर आउटसोर्सिग से संबंधित काम इस दायरे में आते हैं। आज देश में सक्षम अनुवादकों की बहुत मांग है। इनकी जरूरत विदेश मंत्रालय, दूतावासों, शोध-संस्थानों से लेकर पब्लेकशन हाउस तक सभी जगह होती है। यहां काम करके आप अंतरराष्ट्रीय हलकों में भी पहचान बना सकते हैं।  (कैरियर-टीम)

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