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तीन पीढ़ियों से राष्ट्रवाद का पोषण कर रहा है नरेन्द्र परिवार ः आडवाणी

👤 | Updated on:30 May 2012 1:47 AM GMT
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 वीर अर्जुन संवाददाता नई दिल्ली। तीन पीढ़ियों से पत्रकारिता के माध्यम से राष्ट्रवाद का पोषण करने में जुटे परिवार देश में विरले ही होंगे और स्वर्गीय के. नरेन्द्र का परिवार भी उसमें से एक है। यह उद्गार पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने तेजपाल सिंह धामा द्वारा लिखित पुस्तक `पत्रकारिता के पुरेधाöके. नरेन्द्र' के विमोचन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होने स्वर्गीय के. नरेन्द्र के परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस परिवार ने सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और देश की मजबूती कैसे हो, इस पर अपना जीवन अर्पित कर दिया। श्री आडवाणी ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि गांधी जी ने कहा था कि राष्ट्रवाद को पुष्ट करने के लिए राजभाषा को आगे बढ़ाना आवश्यक है। इस परिवार की तीन पीढ़ियों ने यह काम किया है। उन्होंने स्वर्गीय के. नरेन्द्र को याद करते हुए कहा कि मैंने उनका नाम तो बहुत सुना था पर उनसे मुलाकात 1957 के बाद ही हो सकी जब मैं राजस्थान से दिल्ली आया था। श्री आडवाणी  ने पुस्तक में दिए गए प्रेरक प्रसंगों की चर्चा की और एक बेहतरीन पुस्तक द्वारा स्वर्गीय के. नरेन्द्र का व्यक्तित्व समाज के सामने लाने के लिए लेखक तेजपाल सिंह धामा को बधाई दी। इससे पूर्व वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व राज्यपाल केदारनाथ साहनी ने स्वर्गीय के. नरेन्द्र के राज्यसभा सांसद न बन पाने पर मलाल व्यक्त करते हुए कहा कि मदन लाल खुराना और विजय कुमार मल्होत्रा के साथ मैं भी चाहता था कि श्री के. नरेन्द्र जैसा निर्भीक और राष्ट्रवादी पत्रकार राज्यसभा की शोभा बढ़ाए परन्तु किन्हीं कारणों से यह संभव नहीं हो पाया। श्री साहनी ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसके वह हकदार थे। इंग्लिश में लिखने वाले खुशवंत सिंह जैसे पत्रकार भी उनके प्रशंसक थे। यह पुस्तक उस विचारधारा का सम्मान है जो उन्हें अपने पिता से मिली थी। प्रताप में अपने लेखों से उन्होंने समाज की बुराइयों को दूर करने की कोशिश की। इस अवसर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने अपने संबोधन में उम्मीद जाहिर की कि इस पुस्तक की जानकारी से समूचे राष्ट्र के लोग लाभान्वित होंगे। इससे उन्हें चार पीढ़ियों को प्रेरणा देने वाले स्वर्गीय के. नरेन्द्र के व्यक्तित्व की जानकारी मिलेगी। श्री चौटाला ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मेरे पिता चौधरी देवी लाल प्रताप अखबार के बड़े कायल थे। यह अखबार जब आता था तो मेरे पिता गांव की चौपाल पर प्रताप पढ़ते थे और वहां भीड़ एकत्रित हो जाती थी। प्रताप जंग-ए-आजादी से जूझने वालों को प्रेरणा देने वाला अखबार था। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यदि देश स्वर्गीय के. नरेन्द्र के बताए रास्ते पर नहीं चला तो बर्बाद हो जाएगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम की महापौर मीरा अग्रवाल ने लेखक का अभिनन्दन करते हुए कहा कि निराशा और आक्रोश से ग्रस्त नई पीढ़ी को इस पुस्तक के माध्यम से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी। इससे पूर्व वीर अर्जुन के डायरेक्टर श्री आदित्य नरेन्द्र ने अपने दादा जी के. नरेन्द्र को याद करते हुए कहा कि उनका मानना था कि अच्छी खबरें छिपाई नहीं जाती बल्कि छापी जाती हैं। अब यही काम मेरे पिता जी श्री अनिल नरेन्द्र कर रहे हैं। अंत में वीर अर्जुन के पधान संपादक श्री अनिल नरेन्द्र ने कार्यक्रम में आने के लिए समय निकालने पर श्री आडवाणी का आभार व्यक्त किया और क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि हमने कभी चापलूसी नहीं की इसलिए हमारे परिवार को उचित सम्मान नहीं मिला। उन्होंने इसका प्रमाण देते हुए कहा कि एक समय जंग-ए-आजादी के लिए हमारी तीन पीढ़ियां जेल में थीं लेकिन हमें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा भी कभी नहीं मिला। लेकिन मैं पूर्वजों की परम्परा को आगे बढ़ाता रहूंगा। स्वर्गीय के. नरेन्द्र एक व्यक्ति नहीं युग थे। लोगों को उन्हें समझना मुश्किल था क्योंकि वह स्पष्टवादी और राष्ट्रवादी थे। यह पुस्तक उन्हें समझने का जरिया साबित होगी। इससे पूर्व दैनिक वीर अर्जुन के सहायक सम्पादक एस. पाण्डेय ने अपने संक्षिप्त संबोधन में स्वर्गीय के. नरेन्द्र को अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि उनसे उन्हें सीखने को काफी कुछ मिला। प्रताप के सीईओ अफीफ अहसन ने बताया कि स्वर्गीय के. नरेन्द्र दृष्टिकोण के नाम से स्तम्भ लिखते जरूर थे लेकिन उन्होंने अपना दृष्टिकोण कभी किसी पर थोपा नहीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्य विद्या पसाद मिश्र ने कहा के. नरेन्द्र जी के अच्छे लेखों का संकलन पकाशित होना चाहिए। कार्यकम को चन्द्र मोहन शर्मा ने भी संबोधित किया। मंच संचालन सांध्य वीर अर्जुन के समाचार सम्पादक विजय शर्मा ने किया।        

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