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न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप

👤 | Updated on:15 July 2016 12:13 AM GMT
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 चीन के कारण भारत को एनएसजी सदस्यता नहीं मिली सकी मगर इस संगठन में प्रवेश के रास्ते बंद नहीं हुए हैं। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रहित में दिन-रात जो प्रयास किए, सराहनीय व अद्वितीय है। चीन ने जो किया नया नहीं। भारत मिसाल क्लब, मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का 35वां सदस्य बना। एनएसजी की सदस्यता भी जरूर बहुत जल्द मिलेगी। लेकिन आज कुछ भाजपायी और विपक्षी नेता श्री नरेंद्र मोदी की विदेशी डिप्लोमैसी फेल्योर करार दे रहे हैं, लोकतंत्र है। भूल गए 1962 में हिन्दी-चीनी भाई-भाई चीन ने क्या किया था। निहत्थे भारतीय सैनिकों का कत्लेआम। भारत के श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थायी सदस्यता का समर्थन कर किया मिला। तिब्बत आजाद मुल्क  चीन को किसने दिया? पाकिस्तान के 90 हजार युद्धबंदी छोड़कर क्या मिला। क्या फायदा हुआ तब की विदेशी पॉलिसी का। श्री मोदी ने आतंकवादी अजहर मसूद का भी जवाब चीनी विद्रोही नेता को आमंत्रित कर दिया। अब एनएसजी की सदस्यता के विरोध का भी जवाब तर्प से देंगे न कि तलवार से। चीन कभी भी भारत हितैषी नहीं हो सकता। सदा याद रखना चाहिए और चीन भारत से दुश्मनी भी नहीं ले सकता। -बीएल सचदेवा, 263, आईएनए मार्पिट, नई दिल्ली। विदेशी बैंकों में भारतीयों का भी धन खबरों के अनुसार विदेशों में भारतीयों का हजारों करोड़ रुपए जमा है। एक अनुमान के अनुसार भारतीयों के 13 हजार करोड़ रुपए विदेशी बैंकों में जमा हैं। आयकर विभाग की जांच के अनुसार फ्रांस सरकार ने कोई 400 भारतीयों के उनके एचएससीबी बैंक में खाते होने की जानकारी दी है जिनमें लगभग 8186 करोड़ रुपए जमा हैं। 2013 में भी 700 भारतीयों के बैंक खातों का खुलासा हुआ था जिनमें पांच हजार करोड़ रुपए जमा बताए गए थे। यह तो कुछ खातों की जानकारी थी। स्विस बैंक में कितना काला धन जमा है इसकी पूरी जानकारी तो आज तक भी नहीं मिल सकी है। हालांकि सरकार बार-बार यह दावा कर चुकी है। -इन्द्र सिंह धिगान, किंग्जवे कैंप, दिल्ली। ऑक्सीजन को तरस जाएगी धरती ग्लोबल वॉर्मिंग से बढ़ रहे खतरे और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ने भविष्य के लिए नए सवाल खड़े कर दिए हैं। बाढ़, सूखा, तूफान और पिघलती बर्प के अलावा ऑक्सीजन की किल्लत भी हो सकती है कल आने वाली मुसीबत। एक नई शोध इसी तरफ संकेत करती है कि धरती पर ऑक्सीजन की कमी का भी खतरा हो सकता है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लेस्टर के वैज्ञानिकों का कहना है कि हमने ग्लोबल वॉर्मिंग के एक अन्य खतरे को पहचाना है जो बाकियों से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। उनकी रिसर्च फाइटोप्लैंकटन के कंप्यूटर मॉडल पर आधारित है। ये सूक्ष्म समुद्री पौधे होते हैं जो वायुमंडल में दो तिहाई ऑक्सीजन के लिए जिम्मेदार हैं। औसत 6 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वॉर्मिंग वह तापमान है जिसपर फाइटोप्लैंकटन ऑक्सीजन का निर्माण नहीं कर पाएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा होने पर ना सिर्प पानी में बल्कि हवा में भी ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो धरती पर जीवन मुश्किल हो जाएगा। तापमान का 6 डिग्री सेल्सियस बढ़ना मुख्यधारा में बताए जा रहे तापमान से ज्यादा है, हालांकि इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी चेतावनी दे चुकी है कि अगर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि को पलटा ना गया तो ऐसा होना संभव है। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कभी तापामन इतना बढ़ा तो इसका कारण लंबे समय तक बेलगाम कार्बन उत्सर्जन होगा। जलवायु को बचाने के लिए समझौते की कोशिश कर रहे संयुक्त राष्ट्र सदस्यों ने पेरिस में तय किया कि वे ग्लोबल वॉर्मिंग का स्तर औद्योगिक ाढांति के पहले के स्तर से 2 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ऊपर नहीं जाने देंगे। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु विज्ञान पैनेल के मुताबिक अगर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को काबू में नहीं किया गया और हालत बहुत खराब रही तो इस सदी में पृथ्वी का तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। रिपोर्ट के सहलेखक सेर्गेई पेत्रोव्स्की के मुताबिक इस शोध से यह संदेश मिलता है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के परिणामस्वरूप जल्द ही कोई नई आपदा हम तक पहुंच सकती है और यह उन परिणामों से भयंकर हो सकती है जिनका अब तक अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आपदा के आने से पहले हमें बहुत संकेत मिलने का समय भी ना रहे। -सुरेश शर्मा, लक्ष्मीनगर, दिल्ली। फोटो शेयर करने का बढ़ता चलन अपने दोस्तों से फोटो शेयर करना बहुत बढ़िया है। अक्सर तस्वीर पर जो कमेंट आपको मिलते हैं उन्हें देखकर बहुत अच्छा लगता है। ऐसी फोटो शेयरिंग के कारण ही इंस्टाग्राम और फ्लिकर जैसी फोटो शेयरिंग वेबसाइट आजकल बहुत पसंद की जा रही हैं। लेकिन फोटो शेयर करते समय बहुत जरूरी है कि आप थोड़ी सावधानी बरतें। फोटो किसी गलत हाथ में नहीं पड़ जाए इसलिए आपको सावधान रहना बहुत जरूरी है। मेल टुडे की तफ्तीश के बाद एक रिपोर्ट के अनुसार कई लोगों की तस्वीरों को ऐसी सोशल वेबसाइट से लेकर और थोड़े बदलाव करके पोर्न वेबसाइट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि लड़कियों की तस्वीरों को फेसबुक से लेने के बाद ऐसी वेबसाइट्स तक भी पहुंचाया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक पर 40 फीसदी लड़कियों के प्रोफाइल की तस्वीरों के साथ ऐसा किया जा रहा है। -हरनेक सिंह, पंजाबी बाग, दिल्ली। सॉफ्टवेयर ने अपने इंसानी प्रतिद्वंद्वी को हराया चीनी खेल गो को कंप्यूटरों के लिए शतरंज से ज्यादा मुश्किल खेल माना जाता था क्योंकि गो खेलने के कई तरीके हो सकते हैं। इसी वजह से यह कंप्यूटरों के लिए सबसे मुश्किल खेलों की आखिरी श्रेणी में था। गूगल के प्रोजेक्ट डीप माइंड की डिवीजन का कहना है कि उसके सॉफ्टवेयर ने अपने इंसानी प्रतिद्वंद्वी को जीरो के मुकाबले पांच खेलों से हरा दिया। डीप माइंड के चीफ एक्जीक्यूटिव डेमिस हैसाबिस ने कहा है कि उनका एल्फा गो सॉफ्टवेयर तीन चरणों की प्रािढया में खेला जिसमें उसने ऐसी तीन करोड़ चालों का विश्लेषण किया, जो इंसान खेल सकता है। सभी खेलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने उन पर जीत दर्ज की। -राजन गुप्ता, कंझावला, दिल्ली।      

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