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दिल्ली जल बोर्ड या दिल्ली विनाश जल बोर्ड

👤 | Updated on:27 May 2015 12:44 AM GMT
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   राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के प्रशासन दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली की करोड़ों निवासियों को जीवित रहने के लिए जो पीने का पानी सफ्लाई कर रहा है वो हमारे विचार से साफ-सुथरा, शुद्ध पीने लायक बिल्कुल नहीं है। पानी जो दिल्ली जल बोर्ड दिल्लीवासियों के लिए सुबह-शाम सफ्लाई करता है। अकसर पानी बदबूदार, मैला, गंदा होता है जिसको पीते ही पीलिया जैसी बीमारी का शिकार होने का भय रहता है। दिल्ली के पूरे भाग में सुचारू रूप से लोगों को पीने का पानी मिलता ही नहीं है। वहां पर तत्काल आवश्यक सेवा के अंतर्गत पीने का पानी का प्रबंध किया जाना चाहिए चाहे कैसे भी हो इसकी व्यवस्था करना अनिवार्य रूप से दिल्ली सरकार के अंतर्गत दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों का नैतिक कार्य है व सरकार के आदेश का अविलंब पालन करना अनिवार्य सेवा के अंतर्गत बेहद जरूरी है। मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि वो दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दें कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर घरेलू उपयोग में पीने का पानी सुबह या शाम आता है उस पीने के पानी का सैम्पल एक बोतल में अनिवार्य रूप से दिल्ली के हर जोनों में उत्तरी दक्षिण दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी  दिल्ली इत्यादि सभी जोनों में कम से कम एस सफ्ताह तक सुबह शाम दिल्ली जल बोर्ड द्वारा सफ्लाई किया जाने वाले पीने का पानी का सैम्पल एकत्रित नियुक्त वरिष्ठ कर्मचारियों द्वारा किया जाए। उस पानी की जांच बारीकी से की जाए कि कितने प्रतिशत साफ-सुथरा व शुद्ध लोगों को पीने का पानी दिल्ली के ढाई करोड़ लोगों को जिन्दा रहने के लिए बाकायदा मिलता है? पीने के पानी की शुद्धता की जांच निष्पक्ष रूप से स्वतंत्र एजेंसी द्वारा की जाए। अगर दिल्ली जल बोर्ड द्वारा सफ्लाई किया जाने वाला पीने के पानी में गंभीर त्रुटियां हैं जो कि आम लोगों के जीवन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। उनको तत्काल दूर करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं। मुझे उम्मीद है कि आपकी सरकार व आप दिल्ली में पीने के पानी की शुद्धता के संबंध में आवश्यक जांच-पड़ताल करके जनता को गर्मी के मौसम में जीवन दान देने की कृपा करेंगे। -देशबंधु, उत्तम नगर, नई दिल्ली। मोबाइल पीछे तो एक्जाम रिजल्ट आगे स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने से बच्चों की परीक्षा के नतीजे बेहतर हो सकते हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स का अध्ययन कहता है कि यदि मोबाइल को स्कूल से दूर रखा जाए तो इससे एक साल में सात दिनों की पढ़ाई के बराबर फायदा होता है। लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स ने इंग्लैंड के चार शहरों- लंदन, मैनचेस्टर, लीसेस्टर और बर्मिंघम में मोबाइल फोन पर पाबंदी के पहले और बाद की स्थितियों का जायजा लिया। पाया गया कि जिन स्कूलों में बच्चों के मोबाइल पर रोक लगी वहां परीक्षा के नतीजे 6 फीसदी बेहतर हुए। अध्ययन इस बात का भी दावा करता है कि मोबाइल पर रोक लगाने से सबसे ज्यादा फायदा, वंचित और गरीब परिवार के बच्चों को हुआ। अध्ययन के मुताबिक मोबाइल फोन के कारण स्कूल में कम सुविधा वाले परिवार के बच्चों का ध्यान उन बच्चों के मुकाबले क्लास में पढ़ाई से अधिक हटता है जो सुविधा संपन्न परिवारों से आते हैं। किशोरों के पास मोबाइल फोन ब्रिटेन में 90 फीसदी से अधिक किशोरों के पास मोबाइल फोन है। शोधकर्ताओं का नेतृत्व करने वाले लुईस फिलिप बेलंद और रिचर्ड मर्फी का कहना है कि नई मोबाइल तकनीक के अनेक फायदों के बावजूद यह एकाग्रता और पढ़ाई के लिए नुकसानदेह साबित हुआ है। -सुभाष बुड़ावन वाला, 18, शांतिनाथ कार्नर, खाचरौद। `अंतरिक्ष कठोर है, पर हम डटे रहेंगे' अंतरिक्ष की सैर कराने के लिए विमान तैयार कर रही कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक ने कहा है कि अंतरिक्ष में जाने की उसकी कोशिशें जारी रहेंगी। शुक्रवार को कंपनी का एक परीक्षण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। कैलिफोर्निया के मोहावी रेगिस्तान में कंपनी के रॉकेटशिप `स्पेसशिप टू' में हुए धमाके में एक पायलट की मौत हो गई थी और दूसरा बुरी तरह घायल हो गया था। दुर्घटना की जांच जारी है। वर्जिन ग्रुप के संस्थापक और व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा के पुराने समर्थक रिचर्ड ब्रैंसन ने कहा कि इस दुर्घटना से उन्हें बहुत `धक्का लगा है और दुख हुआ है' लेकिन वे `प्रयास जारी रखेंगे।' वर्जिन गैलेक्टिक को उम्मीद है कि वह 2015 में अपना पहला व्यावसायिक विमान अंतरिक्ष में भेज पाएगा। लॉस एंजेल्स टाइम्स के अनुसार जस्टिन बीबर, एश्टन कुचर और लियानार्डो डी कैप्रियो जैसी मशहूरों शख्सियतों ने कंपनी की अंतरिक्ष सैर कराने वाले विमान की टिकट ले रखी है। कंपनी इस अंतरिक्ष यात्रा के लिए 2,50,000 डॉलर (करीब एक करोड़ 53 लाख रुपए) की दर से 700 टिकट बेच चुकी है। ब्रैंसन ने कहा है कि अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ वह भी पहले विमान से अंतरिक्ष में जाएंगे। `स्पेसशिप टू' नौ महीने पहले पहले कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड कस्बे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उसके बाद यह इस विमान का पहला परीक्षण था। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि स्पेसशिप टू में तब `एक गंभीर असंगति' आ गई थी जब यह इसे लांच करने वाले `वाइटनाइट टू' एयरक्राफ्ट से अलग हुआ था `वाइट नाइट टू' सुरक्षित जमीन पर उतर गया था। -राजेश सक्सेना, शाहदरा, दिल्ली।    

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