व्यय प्रेक्षक और कलेक्टर की मौजूदगी में रिजर्व मतदान दलों को प्रशिक्षण
गरियाबंद, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। लोकसभा निर्वाचन 2019 के अंतर्गत जिले के रिजर्व मतदान दलों का प्रशिक्षण आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में व्यय प्रेक्षक श्री तरूण कुमार कन्नौजिया और कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री श्याम धावडेक्व की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ। व्यय प्रेक्षक श्री कन्नौजिया ने मतदान दलों को अवगत कराया कि मतदान केन्द्र के अन्दर मोबाईल ले जाना प्रतिबंधित है। अधिकारी इस बात पर ध्यान देवें कोई भी राजनीतिक प्रतिनिधि मोबाईल लेकर मतदान केंद्र में प्रवेश न कर सकें ।
प्रशिक्षण में ईव्हीएम एवं व्ही.व्हीपेट मशीनों का संचालन को व्यवहारिक तरिके से बताया गया। कन्ट्रोल यूनिट में हरिपत्र मुदरा, स्ट्रीप सील, स्पेशल टेग व सील करने के तरिके बताये गये। प्रशिक्षण में मुख्यतः पीठासीन अधिकारियों, मतदान अधिकारी त्रढमांक 01,02 व 03 के दायित्वों के संबंध में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर ने बताया कि पीठासीन अधिकारी सम्पूर्ण मतदान केन्द्र का प्रभारी होता है। पीठासीन अधिकारी मतदान केन्द्र की स्थापना ,मशीनों को जोड़ना,मॉकपोल कराना तथा मतदान समाप्ति के लिए प्रभारी होता है। प्रथम मतदान अधिकारी निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा और निर्वाचक की पहचान के लिये उत्तरदायी होगा। द्वितीय मतदान अधिकारी अमिट स्याही का प्रभारी होगा। प्रथम मतदान अधिकारी द्वारा मतदाता की पहचान होने पश्चात् द्वितीय मतदान अधिकारी निर्वाचक के बायें हाथ की तर्जनी का यह देखने के लिये निरीक्षण करेगा कि इस पर अमिट स्याही का कोई चिन्ह या संकेत तो नहीं है और अमिट स्याही को मतदाता के बाऍ हाथ तर्जनी पर दी गई स्टिक के माध्यम से तर्जनी के प्रथम जोड़ से नाखून के अंत तक एक रेखा में लगायेगा। तृतीय मतदान अधिकारी मतदान मशीन की कन्ट्रोल यूनिट का प्रभारी होगा। वह उसी मेज पर बैठेगा, जहां द्वितीय मतदान अधिकारी बैठता है। तृतीय मतदान अधिकारी मतदाता को मतदान कक्ष में जाने की अनुमति द्वितीय मतदान अधिकारी द्वारा जारी मतदान स्लिप के आधार पर और स्लिप में उल्लेखित त्रढम संख्या के अनुसार देगा। प्रशिक्षण में मतदान की सपलता के लिए मतदान मशीन एवं मतदान सामग्री प्राप्त करना,ईवीएम एवं वीवीपीएटी का परिचय, मतदान केंद्र की स्थापना तथा बैठक व्यवस्था, मॉक पोल का आयोजन विभिन्न लिपापा व सील और रिकार्ड किये गये मतो का लेखा तथा डायरी तैयार करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।