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अनावारी से नहीं फसल कटाई पयोग के आंकड़ों से तय होती है बीमा राशि

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:19 May 2018 12:28 PM GMT
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राजनांदगांव, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। पधानमंत्री पसल बीमा योजना में मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि अनावारी के आधार पर तय नहीं होती अपितु पसल कटाई पयोग के आधार पर तय होती है। इस संबंध में जानकारी देते हुए उप संचालक कृषि श्री अश्विनी बंजारा ने बताया कि कुछ किसान भाइयों में भ्रम है कि अनावारी के आधार पर पसल बीमा की क्षतिपूर्ति तय होती है लेकिन ऐसा नहीं है। इसके लिए पसल कटाई पयोग किया जाता है। इसके लिए सिंचित धान में 2 पसल कटाई पयोग पटवारी द्वारा तथा 2 पसल कटाई पयोग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किए जाते हैं। 4 बार होने वाले इस पयोग का औसत कर वास्तविक उपज निकाली जाती है। पत्येक ग्राम पंचायत के विगत सात वर्षों के उपज के आंकड़े निकाले जाते हैं। इनमें दो आपदा वर्ष हटा दिए जाते हैं। इसकी औसत उपज को थ्रेसहोल्ड उपज कहा जाता है। इस थ्रेसहोल्ड उपज से वास्तविक उपज में जितने पतिशत की कमी आती है उसके मान से बीमा दावा तय होता है।

उन्होंने बताया कि पधानमंत्री पसल बीमा योजना भारत सरकार एवं राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत खरीप में धान सिंचित एवं धान असिंचित, सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर, मक्का अधिसूचित पसल है। बीमा की इकाई ग्राम पंचायत है तथा पधानमंत्री पसल बीमा योजनांतर्गत "णी कृषकों की बीमा अनिवार्य एवं अ"णी कृषकों के बीमा ऐच्छिक के आधार पर की जाती है।
अब तक जिले के कुल 41076 कृषकों को 75.22 करोड़ रूपये दावा राशि पाप्त हुई है, जिसमें से धान पसल हेतु 31801 कृषकों को 61.96 करोड़ तथा सोयाबीन पसल हेतु 9275 कृषकों को 13.31 करोड़ की दावा राशि पाप्त हुई है। समग्र रूप से 400 करोड़ से ज्यादा राशि जिले को पाप्त होना संभावित है, जो कि राज्य में सर्वाधिक है। पाप्त दावा राशि संबंधित कृषकों को बीमाकर्ता बैंक के माध्यम से हस्तांतरित किया गया हैं और यह कार्य निरंतर जारी है। इसे इस पकार भी समझा जा सकता हैं, ग्राम पंचायत डुमरडीह कला जिनका थ्रेसहोल्ड उपज 2010 कि.ग्रा./हेक्टेयर है, का एक किसान अपने 2.481 हेक्टेयर धान सिंचित का बीमा कराया है और पीमियम राशि के रूप में 2084.04 जमा किया। यदि इस ग्राम पंचायत की पसल कटाई उपज (वास्तविक उपज) 1317.50 कि.ग्रा. पति हेक्टेयर हैं, इसमें उपज में कमी 33.45 पतिशत है। उसे गणना करने पर 35899.95 रूपए देय क्षतिपूर्ति राशि पाप्त होगा।

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