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बैंकिंग क्षेत्र के सामने 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त एनपीए का जोखिम

👤 Veer Arjun Desk 3 | Updated on:22 Oct 2017 5:40 PM GMT

बैंकिंग क्षेत्र के सामने 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त एनपीए का जोखिम

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नई दिल्ली, (भाषा)। एक्सिस बैंक के अन्य बैंकों के साथ मिल कर दिए गए कर्जों को रिजर्व बैंक द्वारा अवरुद्ध या गैर निष्पादित परिसंपत्ति ाएनपीएा की श्रेणी में वर्गीकृत कर दिये जाने से बैंकिंग क्षेत्र के कुल एनपीए में 40 हजार करोड़ रुपये का और जुड़ने का संकट मंडरा रहा है। रिजर्व बैंक की 2016-17 से शुरू की गयी सालाना जोखिम आधारित निगरानी ाआरबीएसा व्यवस्था के तहत रिजर्व बैंक ने एक्सिस बैंक की मार्च 2017 तक की रपट में कुछ सम्मपत्तियों का पुनर्वगीकृत करने के निर्देश दिये हैं। इसमें एक्सिस बैंक को नौ को एनपीए श्रेणी में पुनर्वगीकृत करना होगा। बैंक ने पहले इन्हें सामान्य रुप से चल रहे रिण खातों की श्रेणी में रखा था। इनमें इनमें से आ" रिण खाते ऐसे है जिन्में कई बैंकों के समूह द्वारा दिए गए कर्ज भी शामिल हैं। एक्सिस बैंक ने हालिया तिमाही परिणाम में इसकी घोषणा की है। एक्सिस बैंक ने दावा किया था कि जून 2017 तक समूह में शामिल अधिकांश बैंकों ने इन खातों को मानक संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया हुआ था।बैंक ने पूरे बकाया रिणों के छह प्रतिशत परिसम्पत्तियों को ही एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया था। आकलन के अनुसार, संबंधित रिण खातों में जून 2017 के अंत तक करीब 42 हजार करोड़ रुपये बकाया थे। रिजर्व बैंक के इस निर्णय से कर्जदाता बैंकों के समूह के अन्य सदस्यों में भी हड़कंप है। मैकद्रैरी कैपिटल सिक्योरिटीज के सुरेश गणपति ने कहा, इसका असर इन खातों में कर्ज देने वाले समूह के सभी बैंकों पर असर पड़ने वाला है। बैंकों को अभी या बाद में इन खातों को एनपीए की श्रेणी में वर्गीकृत करना ही होगा। अन्य बैंकों द्वारा पुनर्वगीकरण अगली दो तिमाहियों में संभव है। उन्होंने आगे कहा कि यदि इन्हें एनपीए माना जाता है तो बैंकों को उसके अनुसार प्रावधान भी करने होंगे जिससे उनका शुद्ध लाभ प्रभावित होगा। उल्लेखनीय है कि बैंकों के ऊपर पहले से ही आ" लाख करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए का दबाव है। अभी संकटग्रस्त कर्ज के लगातार बढ़ने के जोखिम से राहत की भी कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि कुछ बैंकों द्वारा दूसी तिमाही के शुरुआती परिणाम उत्साहवर्धक नहीं रहे हैं। एनपीए संकट पैदा करने में मुख्य योगदान बिजली, इस्पात, सड़क और कपड़ा क्षेत्रों का है। एक्सिस बैंक के उपरोक्त खातों में एक खाता इस्पात क्षेत्र का है जो।,128 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा बिजली क्षेत्र के तीन खातों में।,685 करोड़ रुपये तथा अन्य क्षेत्रों के चार खातों में 911 करोड़ रुपये फंसे हैं।

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