केनरा बैंक का प्रोविजनिंग घटकर तीसरी तिमाही में 956.6 करोड़ पहुंचा
नई दिल्ली/मुम्बई. सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के बैंक, केनरा बैंक को तीसरी तिमाही में प्रोविजनिंग 964.3 करोड़ रुपये से घटकर 956.6 करोड़ रुपये रही है. जबकि पिछले साल की तीसरी तिमाही में बैंक की प्रोविजनिंग 3,719.8 करोड़ रुपये रही थी.
वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में केनरा बैंक का लाभ 329.6 करोड़ रुपये रहा है. वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में केनरा बैंक की ब्याज आय 3,435 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
तिमाही दर तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में केनरा बैंक का ग्रॉस गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) 8.68 प्रतिशत के मुकाबले 8.36 प्रतिशत रहा है. तिमाही आधार पर दूसरी तिमाही में केनरा बैंक का नेट एनपीए 5.15 प्रतिशत से बढ़कर 5.05 प्रतिशत रहा है.
रुपये में देखें तो तिमाही दर तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में केनरा बैंक का ग्रॉस एनपीए 38,711.3 करोड़ रुपये से घटकर 36,645 करोड़ रुपये रहा है. तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में केनरा बैंक का नेट एनपीए 22,090 करोड़ रुपये से घटकर 21,338 करोड़ रुपये रहा है.
तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में केनरा बैंक की प्रोविजनिंग 2,038 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,803 करोड़ रुपये रही है जबकि पिछले साल की तीसरी तिमाही में केनरा बैंक की प्रोविजनिंग 1,977 करोड़ रुपये रही थी.
तिमाही दर तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में केनरा बैंक की प्रोविजन कवरेज अनुपात 70.11 प्रतिशत के मुकाबले 70.97 प्रतिशत पर रहा है जबकि सालाना आधार पर बैंक की लोन ग्रोथ 1.3 प्रतिशत पर रही है.
क्या है प्रोविजनिंग
ऐसे कर्ज जिनकी वसूली वित्तीय संस्थान नहीं कर पाते हैं, गैर निष्पादक संपत्तियां (एनपीए) कहलाती हैं. ऐसे में बैंकों और एनबीएफसी के कारोबार पर जोखिम बढ़ता है, जिसका असर उनके लाभ आदि पर प्रतिकूल होता है.
इसे देखते हुए वित्तीय संस्थानों को एनपीए हो चुके कर्ज के लिए एक निश्चित राशि अलग रखनी होती है, जिसका इस्तेमाल वह कारोबार के लिए नहीं कर सकते हैं, यह राशि प्रोविजनिंग कहलाती है. (एजेंसी हिस.)