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फेसबुक 2016 से ही ले रहा WhatsApp का डाटा, पहले भी दी गलत जानकारियां

👤 mukesh | Updated on:16 Jan 2021 6:38 AM GMT

फेसबुक 2016 से ही ले रहा WhatsApp का डाटा, पहले भी दी गलत जानकारियां

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नई दिल्ली। फेसबुक ने 2014 में व्हाट्सएप को खरीदा था। 2016 से जो भी यह मैसेजिंग एप का इस्तेमाल कर रहा है, उसकी जानकारियां जाने-अनजाने फेसबुक से साझा हो रही हैं। फेसबुक को आपके व्हाट्सएप नंबर,इसे इसे खोलेन बंद करने, फोन की स्क्रीन, और इंटरनेट कनेक्शन से लोकेशन आदि तक का भलीभांति पता रहता है। इस जानकारी का इस्तेमाल व्हाट्सएप को ठीक से चलाने और विज्ञापन में होता है।

फेसबुक के अधीन होने से नुकसान

व्हाट्सएप की काफी सकारात्मक बातें हैं, लेकिन फेसबुक के अधीन होने से भरोसा नहीं कर रहे हैं। कई बार फेसबुक गलत जानकारी देता रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका जैसे मामले की तरह बहाना बना मुकर जाता है।

डाटा इस्तेमाल का तरीका साफ नहीं

निजी डाटा को लेकर फेसबुक का इतिहास विवाद और लापरवाही भरा रहा है। वह और उसके पार्टनर यूजर्स की जानकारी का कैसे इस्तेमाल करते हैं यह आज तक पता नहीं लग पाया है। अब समझ आने लगा है कि व्हाट्सएप और फेसबुक की नीतियां बहुत भ्रामक हैं। यूजर के पास दो ही रास्ते हैं यो तो डाटा लेने दें या फिर एप का इस्तेमाल ही बंद कर दें।

पीरियड एप फ्लो ने 10 करोड़ महिलाओं को किया गुमराह

पीरियड और फर्टिलिटी ट्रैकिंग एप फ्लो द्वारा डाटा सुरक्षा को लेकर 10 करोड़ महिला यूजर्स को गुमराह करने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि एप ने फेसबुक और गूगल के साथ साझा की जा रही जानकारियां यूजर्स के समक्ष स्पष्ट नहीं की थीं। अमेरिका में संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) द्वारा दर्ज शिकायत के मुताबिक, फ्लो ने अपनी निजता नीति में कहा था कि वह मासिक धर्म, फर्टिलिटी, गर्भधारण और शिशु जन्म से जुड़ा डाटा पूरी तरह सुरक्षित रखेगा। साथ ही इनका इस्तेमाल यूजर्स को सेवाएं देने के लिए ही करेगा।

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