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विरोधस्वरूप सामूहिक अवकाश पर गए नौकरशाहों ने छुट्टी ली थी

👤 Veer Arjun Desk 3 | Updated on:22 Oct 2017 5:57 PM GMT

विरोधस्वरूप सामूहिक अवकाश पर गए नौकरशाहों ने छुट्टी ली थी

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विधि संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया है कि वर्ष 2015 में दानिक्स कैडर के दो अधिकारियों को निलंबित किये जाने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ सामूहिक अवकाश पर गए नौकरशाहों ने अपने आकस्मिक अवकाश का इस्तेमाल किया था। दिल्ली सरकार ने दो अधिकारियों के निलंबन के खिलाफ सामूहिक अवकाश पर गए नौकरशाहों के खिलाफ कार्वाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अगुवाई वाली पी" के समक्ष यह बात कही। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा,रिकार्ड से यह नहीं कहा जा सकता कि आईएएस और दानिक्स अधिकारियों ने आकस्मिक अवकाश का इस्तेमाल कर कोई गलत काम किया। जाहिरा तौर पर उन्होंने अपनी निजी छुट्टी ली। उन्होंने कहा,यह बहुत स्वाभाविक बात है कि साल के अंत में छुट्टी की उपलब्धता के आधार पर अधिकारी या तो आकस्मिक या अर्जित अवकाश लेते हैं और इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने पी" को सूचित किया कि 31 दिसंबर, 2015 को कई अधिकारियों ने जो छुट्टी ली थी वह सक्षम अधिकारियों द्वारा स्वीकृत थी।
दिल्ली सरकार की इस दलील को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। मंत्रिमंडल के फैसले से जुड़ी एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने को लेकर गृह विभाग के दो वरिष्" अधिकारियों को निलंबित करने के दिल्ली सरकार के फैसले के बाद दानिक्स ादिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीपों के सिविल सेवा कैडर के करीब 200 अधिकारी 31 दिसंबर, 2015 को सामूहिक अवकाश पर चले गए थे।

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