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दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा भी सकती हैं इलेक्ट्रिक बसें

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:19 May 2018 6:10 PM GMT

दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा भी सकती हैं इलेक्ट्रिक बसें

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हमारे संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार जिन इलेक्ट्रिक बसों के सहारे यहां की आबोहवा सुधारने का दावा कर रही है, उससे दिल्ली का प्रदूषण और बढ़ सकता है। इन बसों के साथ दिल्ली में बिजली की मांग दोगुनी संभव है कि उससे भी ज्यादा हो सकती है। इतनी बिजली कहां से आएगी यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
गौरतलब है कि पर्याप्त गैस उपलब्ध नहीं होने से बवाना ऊर्जा संयंत्र अपनी पूर्ण क्षमता से बिजली उत्पन्न नहीं कर पा रहा है। बदरपुर स्थित इकलौते थर्मल पावर प्लांट को अक्टूबर में स्थायी तौर पर बंद करने आदेश पहले ही हो चुके हैं। ऐसे में अगर किसी अन्य ईंधन से बिजली उत्पन्न करने का प्रयास किया गया तो दिल्ली की हवा में सल्फर डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड बढ़ने का खतरा रहेगा। ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने बड़ी चिंता के साथ इस पहलू की ओर ध्यान आकर्षित कराया। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के लिए दिल्ली में अलग से कोई ट्रैक नहीं है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जो बीआरटी कॉरीडोर बनाया गया था, उसे 'आप' सरकार तोड़ चुकी है। ऐसे में अगर इलेक्ट्रिक बसों को भी जाम में ही फंसना है तो उससे सुविधा कम ईंधन की बर्बादी ज्यादा होगी।

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