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जल बोर्ड के करोड़ों सरकारी निकायों पर बकाया

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:19 May 2018 6:10 PM GMT

जल बोर्ड के करोड़ों सरकारी निकायों पर बकाया

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हमारे संवाददाता

नई दिल्ली। एक तरफ दिल्लीवासी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं और लोग बढ़े हुए बिल से परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली जल बोर्ड कई सरकारी महकमों को रेवड़ियां बांटने में लगा है. आरटीआई से मिली जनकारी के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड के करोड़ों रुपये दिल्ली नगर निगम, केंद्र सरकार और बिजली विभाग पर बकाया है. इसे अभी तक दिल्ली जल बोर्ड को वापस नहीं किया गया है। आरटीआई के मुताबिक नॉर्थ एमसीडी अब तक पर कुल 1283 करोड़ रूपए का पानी डकार चुकी है, जिसमें से 231 करोड़ रुपये साल 2017 से 2018 के हैं. इनमें से नॉर्थ एमसीडी ने फिलहाल 20 करोड़ रुपये ही चुकता किये हैं. यानी 1263 करोड़ अभी भी जल बोर्ड पर बकाया हैं। यही नहीं दिल्ली पुलिस का भी दिल्ली जल बोर्ड पर छोटा मोटा बकाया नहीं है. दिल्ली पुलिस भी 334 करोड़ रुपये का पानी पीकर भूल गई है. इसमें से 72 करोड़ रुपये साल 2017 से 2018 का बकाया है और दिल्ली पुलिस ने अब तक 12 करोड़ रुपये ही चुकता किए हैं। जल बोर्ड का पानी पीने के मामले में रेलवे सबसे आगे है. रेलवे अब तक दिल्ली जल बोर्ड का 1933 करोड़ रुपये का पानी पी चुका है। इसमें से 333 करोड़ रुपये इस साल के हैं और चौकाने वाली बात ये है कि रेलवे ने इतने बकाया में से सिर्प 7 करोड़ रुपये ही चुकता किए है, जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है।
इसके साथ ही हेल्थ डिपार्टमेंट पर 434 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें से जल बोर्ड को सिर्प 2 करोड़ रुपये ही चुकता किये गए हैं.
इस मामले पर जब दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया से बात की तो उन्होंने बताया कि कई बार इन सभी विभागों को नोटिस जारी करके बकाया राशि को जमा करने के लिए कहा गया है, लेकिन इसके बाद भी अभी तक करोड़ों रुपये बकाया है।
दिनेश मोहनिया ने ये भी बताया कि कई बार इन विभागों के साथ मीटिंग भी की गई है, ताकि जल बोर्ड के बकाया को वापस लिया जाए, लेकिन एमसीडी हर बार पैसे ना होने का रोना ही रोती रहती है. वहीं इस मामले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सत्ताधारी AAझ् सरकार पर दोष मढ़ते नज़र आय। उनका कहना था कि केजरीवाल सरकार के पास कोई प्लनिंग नहीं है. अगर प्लानिंग हो तो बैठ कर भी मसले का हल निकाला जा सकता है।

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