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निजामुद्दीन स्टेशन पर ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का ट्रायल शुरू

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:14 July 2018 6:17 PM GMT

निजामुद्दीन स्टेशन पर ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का ट्रायल शुरू

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हमारे संवाददाता

नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन पर ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग मशीन प्लांट का ट्रायल शुरू कर दिया है. ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग मशीन के जरिए ट्रेनों की सफाई काफी तेजी से होती है. साथ ही इसमें पानी की काफी बचत होती है. ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग में पानी की तेज धार रेलगाड़ी पर छोड़ी जाती है और उसे ऑटोमेटिक तरीके से क्लीनर के जरिए साफ किया जाता है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक 24 कोच की एक ट्रेन 8 मिनट में पूरी तरह से साफ हो जाती है. अगर मैनुअल तरीके से किसी ट्रेन की सफाई की जाती है तो उसमें एक डेढ़ घंटा लगता है. साथ ही इसमें वॉटर रिसाइकिलिंग और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी की खासी बचत होती है।

हजरत निजामुद्दीन पर ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट लगाने में तकरीबन 1 करोड़ 60 लाख का खर्चा आया है. यह आटोमेटिक कोच वॉशिंग मशीन 1 दिन में तकरीबन 11 ट्रेनों को आसानी से साफ कर सकेगा. ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग मशीन में हाई प्रेशर जेट क्लीनिंग का ऑप्शन है. इस वाशिंग प्लांट पर ट्रेन को 10 किलोमीटर की स्पीड में धीरे धीरे चलाया जाता है. जिससे सारे डिब्बे खुद-ब-खुद साफ हो जाते हैं। ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट जहां तेजी से ट्रेनों को साफ करता है. वहीं, इसमें पानी की अच्छी खासी बचत होती है. इस मशीन में इस्तेमाल होने वाला 20 फीसदी ताजा पानी होगा और 80 फीसदी पानी रिसाइकल वॉटर होगा. ऑटोमेटिक वॉशिंग प्लांट के जरिए ट्रेन के कोच पर फेंका जाने वाला पानी पटरियों के किनारे बनी नालियों से होता हुआ प्लांट में वापस आ जाता है. इसके बाद इसे दोबारा साफ करके इस्तेमाल किया जाता है।

भारतीय रेलवे ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट की सुविधा हजरत निजामुद्दीन की तरह देश के 10 कोच डिपो में मुहैया कराने के काम में लगा है. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इस सुविधा के आने से भारतीय रेलवे को अपनी ट्रेन की साफ-सफाई में काफी मदद मिलेगी. स्टेशन के साथ-साथ ट्रेनों को स्वच्छ रखने में ऑटोमेटिक वॉशिंग काफी मददगार साबित होगी।

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