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दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा ने विधानसभा पर किया प्रदर्शन

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:6 Aug 2018 6:36 PM GMT

दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा ने विधानसभा पर किया प्रदर्शन

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हमारे संवाददाता

नई दिल्ली । दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार के मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा लगातार हो रहे महिलाओं के अपमान के विरोध में दिल्ली भाजपा के महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने आज प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती पूनम पाराशर झा के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा भवन के समीप रोष प्रदर्शन किया।

पूनम पाराशर झा के नेतृत्व में महिला मोर्चा कार्यकर्ता चंदगी राम आखाडे के पास एकत्र हुईं और वहाँ से केजरीवाल सरकार द्वारा महिलाओं के अपमान के विरोध में नारे लगाते हुऐ विधानसभा भवन की ओर मार्च किया पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में मुख्यमंत्री आवास चैराहे से कुछ पहले बल प्रयोग कर रोक दिया। विरोध मार्च से पूर्व दिल्ली भाजपा की उपाध्यक्ष श्रीमती योगिता सिंह एवं डॉ. मोनिका पंत, निगम पार्षद श्रीमती वीना विरमानी, श्रीमती रेखा सिन्हा, श्रीमती स्वेता सैनी एवं श्रीमती कल्पना झा ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया, जिनमें प्रमुख थीं प्रदेश पदाधिकारी श्रीमती मुकुल अग्रवाल, श्रीमती पुष्पा राजपूत, श्रीमती कुलवंत कौर एवं श्रीमती प्रीति शर्मा और मोर्चे की सभी जिला अध्यक्ष आदि। प्रदेश के पदाधिकारी श्री जय प्रकाश, श्री अभय वर्मा, श्री सतेन्द्र सिंह आदि भी महिला मोर्चा के प्रदर्शन में सहयोग हेतु सम्मिलित हुये। इस अवसर पर श्रीमती पूनम पाराशर झा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार का महिला विरोधी स्वरूप 2013 में सत्ता में आने पर ही दिख गया था जब मंत्री सोमनाथ भारती द्वारा अफ्रीकी मूल की महिलाओं से दुव्र्यवहार के आलावा अश्लील सामग्री मामले में नाम आने पर भी मुख्यमंत्री ने उन पर कोई सख्त कारवाई नहीं की थी।

2015 में सत्ता में आने के बाद तो केजरीवाल के मंत्रियों एवं विधायकों में मानों महिलाओं पर अत्याचार की होड़ सी लग गई और जहाँ विधायक सोमनाथ भारती, मनोज कुमार एवं आमानतुल्लाह खां पर अपनी पत्नी एवं परिजनों से दुव्र्यवहार की पुलिस रिपोर्ट दर्ज हुईं। विधायक प्रकाश जरवाल सहित लगभग एक दर्जन विधायकों ने आम समस्याओं को लेकर आईं महिलाओं से अभद्रता की हदें पार की हैं। विधायकों द्वारा महिला उत्पीड़न के समाचारों के अलावा दिल्ली की महिलायें केजरीवाल के एक मंत्री संदीप कुमार द्वारा एक राशन कार्ड के लिये महिला से बलात्कार करने और नरेला विधायक द्वारा अपनी पार्टी सहयोगी सोनी मिश्रा को आत्महत्या के लिये उकसाने जैसी घटनाओं से पहले से ही विचलित थीं पर अब एक वरिष्ठ प्रशासकीय महिला अधिकारी के उत्पीड़न पर भी मुख्यमंत्री की चुप्पी ने उन्हें निराश किया है। श्रीमती पूनम पाराशर ने कहा कि दिल्ली की महिलायें चाहती हैं कि अरविन्द केजरीवाल अविलंब अपने एवं अपने साथियों के महिला विरोधी व्यवहार को बदलें वर्ना आगामी चुनाव में महिलाओं के भारी विरोध के लिये तैयार रहें। प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष श्रीमती योगिता सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार एक महिला विरोधी सरकार है और इसका प्रमाण है कि एक ओर सरकार में महिला मंत्री ही नहीं है तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन में पारदर्शिता के लिये प्रयासरत महिला अधिकारियों तक का उत्पीड़न केजरीवाल सरकार कर रही है। आज दिल्ली की महिलायें समझ चुकीं हैं कि जिस सरकार में आई.ए.एस. श्रीमती वर्षा जोशी एवं श्रीमती शकुन्तला गैमलिन तक आतंकित हों, पार्टी में कार्यरत महिलाएं असुरक्षित हों उस अरविन्द केजरीवाल सरकार से उन्हें कभी कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी।

उपाध्यक्ष डॉ. मोनिका पंत ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के लिये महिला सुरक्षा-सी.सी.टी.वी. एक चुनावी जुमले से अधिक मायने नहीं रखते और यदि महत्व रखते तो बजाये केवल विवाद करने वह कम से कम डी.टी.सी. बसों में तो सी.सी.टी.वी. लगवा सकते थे। डी.टी.सी. बसों में कैमरे एवं मार्शल लगाने के लिये केजरीवाल सरकार पूरी तरह स्वतंत्र है, उसके पास अधिकार एवं वित्त साधन उपलबध हैं पर सरकार जानबूझकर नहीं लगवा रही। उन्होने कहा कि दिल्ली भाजपा शीघ्र एक लम्बा आंदोलन चलाकर केजरीवाल सरकार को डी.टी.सी. बसों में कैमरे एवं मार्शल लगाने के लिये बाध्य करेगी।

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