Home » दिल्ली » राज्‍य नहीं चाहते, पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में, किया विरोध

राज्‍य नहीं चाहते, पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में, किया विरोध

👤 Veer Arjun | Updated on:18 Sep 2021 7:28 AM GMT

राज्‍य नहीं चाहते, पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में, किया विरोध

Share Post

नई दिल्ली/लखनऊ। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में पेट्रोल और डीजल को लाने के प्रस्ताव का राज्यों ने विरोध किया है। जीएसटी काउंसिल ने भी माना कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी दायरे में लाने का यह सही वक्त नहीं है। हालांकि काउंसिल ने कोविड-19 की दवाओं पर जीएसटी छूट 31 दिसम्बर, 2021 तक के लिए बढ़ा दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को आयोजित जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।

सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन राज्यों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केरल हाईकोर्ट के आदेश पर बैठक के एजेंडे में आया। लेकिन, जीएसटी के सदस्यों ने इसका विरोध किया। जीएसटी काउंसिल ने माना कि यह पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का सही वक्त नहीं है।

16 करोड़ रुपये की दवा जीएसटी के दायरे से मुक्त

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने कोविड-19 की दवाओं पर जीएसटी छूट 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह छूट केवल दवाओं पर बढ़ाई गई है, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर नहीं। यह छूट पर्सनल यूज के लिए आयात की जाने वाली दवाओं पर मिलेगी। अब तक इन पर 12 फीसदी जीएसटी लगता था। कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा (keytruda) पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई है।

सीतारमण ने कहा कि लीज पर लेने के लिए विमानों के आयात पर आईजीएसटी नहीं लगेगा। जीएसटी काउंसिल ने रेलवे पार्ट और लोकोमोटिव्स पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया है। बायोडीजल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। वहीं, जीएसटी काउंसिल ने गुड्स कैरीज के लिए राज्यों द्वारा ली जाने वाली नेशनल परमिट फीस में छूट देने का भी फैसला इस बैठक में किया गया है। जोमैटो और स्विगी जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों पर जीएसटी लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि इन पर कोई नया टैक्स नहीं है।

उल्लेखनीय है कि देश में जीएसटी व्यवस्था को एक जुलाई, 2017 से लागू किया गया था। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था। लेकिन, पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस तथा कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इसकी वजह यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों को इन उत्पादों पर कर से भारी राजस्व मिलता है। एजेंसी/हिस

Share it
Top