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देशवासियों ने आज शनिवार को मनाई बैसाखी, जलियांवाला बाग याद कर दी श्रद्धांजलि

👤 Veer Arjun | Updated on:13 April 2024 7:20 AM GMT

देशवासियों ने आज शनिवार को मनाई बैसाखी, जलियांवाला बाग याद कर दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। शनिवार को बैसाखी के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के प्रमुख नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। इसी के साथ जलियांवाला बाग की स्मृति को नमन करते हुए बलिदानी हुतात्माओं के प्रति श्रद्धा सुमन भी समर्पित किए हैं। पार्टियों और नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर जलियांवाला बाग के संदेश छाए हुए हैं। बैसाखी के पर्व पर अमृतसर साहिब स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। दरबार साहिब के भीतर पवित्र सरोवर के जल का स्पर्श कर लोग अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं। गुरूदारा परिसर में भारी भीड़ उमड़ी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जलियांवाला बाग के अमर बलिदान को याद करते हुए अपने एक्स हैंडल पर 01 मिनट13 सेकेंड का एक वीडियो साझा किया है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है- जलियांवाला बाग नरसंहार के सभी वीर शहीदों को देशभर के मेरे परिवारजनों की ओर से कोटि-कोटि नमन। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जारी वीडियो में 13 अप्रैल, 1919 के उस लोमहर्षक बलिदान के चित्रों के साथ लिखा गया है कि क्रूरता की मिसाल के तौर पर जलियांवाला बाग को सदैव स्मरण रखना चाहिए, जिसमें अबाल वृद्ध निहत्थे लोगों को निशाना बनाया गया और जिसके फलस्वरूप अनेक क्रांतिकारी बलिदानियों ने संकल्प लेकर भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे इस स्थान की पवित्र माटी को अपने माथे पर लगाने का अनेक बार अवसर मिला है।

बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक एक्स पर सुबह ही एक पोस्ट लगाकर जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को शत् शत् नमन लिखा है। भाजपा ने लिखा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड के स्मृति दिवस पर मां भारती की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर बलिदानियों को शत् शत् नमन।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा- देश के स्वाधीनता आंदोलन में अमूल्य योगदान देने वाले जलियांवाला बाग के वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि वंदन। जलियांवाला बाग अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता व अमानवीयता का जीवंत प्रतीक है। इस हत्याकांड ने देशवासियों के ह्रदय में छिपे हुए क्रान्तिज्वाला को जगाकर आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया। जलियांवाला बाग के स्वाभिमानियों का जीवन राष्ट्रप्रथम के लिए त्याग व समर्पण की प्रेरणा का अक्षय स्रोत है।

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