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बाबा रामदेव को गुस्सा क्यों आया?

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:19 Sep 2018 6:56 PM GMT

बाबा रामदेव को गुस्सा क्यों आया?

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बहुचर्चित योग गुरू बाबा रामदेव आज कल फिर सुर्खियों में हैं। आमतौर पर सत्ता के साथ रहने वाले बाबा रामदेव कभी-कभी सत्तारूढ़ दलों को चेता भी देते हैं। कभी-कभी उन्हें गुस्सा आ जाता है। स्वामी रामदेव ने टीवी चैनल एनडीटीवी के युवा कान्क्लेव कार्यकम में यह कह कर सनसनी पैदा कर दी कि वे सर्वदलीय और निर्दलीय हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वे 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का पचार नहीं करेंगे तो उन्होंने कहा कि भला क्यों करूंगा, नहीं करूंगा। हालांकि इसी कार्यकम में उन्होंने यह भी कहा कि कालाधन, भ्रष्टाचार और व्यवस्था में परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर उनका मोदी जी पर भरोसा था। यह भरोसा अभी है या नहीं पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर फिलहाल उन्होंने अभी मौन रख रखा है। बाबा रामदेव ने रविवार को मोदी सरकार को चेताया भी। उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतें काबू नहीं कीं तो महंगाई की आग मोदी सरकार को बहुत महंगी पड़ेगी। योग गुरु ने कहा कि काफी लोग मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ करते हैं। लेकिन अब कुछ लोग सुधार की जरूरत महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल सहित अन्य वस्तुओं की कीमतें नीचे लाने के लिए मोदी जी को कदम उठाने होंगे। पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाकर सबसे कम स्लैब में रखना चाहिए। राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए अभी अमीरों पर और टैक्स लगा सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए पचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा ः मैं क्यों करूंगा? में नहीं करूंगा। मैं राजनीति से अलग हो चुका हूं। मैं स्वतंत्र हूं और सभी दलों के साथ हूं। उन्होंने कहा कि मोदी की आलोचना करना लोगों का मौलिक अधिकार है लेकिन उन्होंने अच्छे काम भी किए हैं। स्वच्छता अभियान चलाया, देश में कोई बड़ा घोटाला नहीं होने दिया इत्यादि इत्यादि। यह बाबा का नया अंदाज है और राजनीतिक तौर पर नई पोजिशनिंग लगती है। 2019 के आम चुनाव के नजदीक आने से पहले वे नरेन्द्र मोदी की एनडीए सरकार से एक तरह से दूरी बनाने का पयास कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं जब बाबा को मोदी सरकार से गुस्सा आया हो, दिसंबर 2016 में भी उन्होंने बातचीत में एनडीए सरकार के राजगुरू कहे जाने पर उसे अतीत की बात बताया था। हाल ही में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उनसे मिले भी थे। दरअसल बाबा अब पूरी तरह से व्यावसायिक बाबा हो चुके हैं। दांव पर है हजारों करोड़ का कारोबार। बाबा रामदेव का पतंजलि आर्युर्वेद का कारोबार हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हाल ही में न्यूयार्प टाइम्स ने द बिलियनेट योगी बिहाइंड मोदीज राइज नाम से विस्तृत रिपोर्ट पकाशित की थी। इसमें बाबा रामदेव कहते हैं कि 2025 तक उनका लक्ष्य अपने समूह के उत्पादों की बिकी को 15 अरब डालर तक पहुंचाने का है। यह मौजूदा वित्तीय साल में 1.6 अरब डालर तक है। लगता है कहीं न कहीं बाबा रामदेव मोदी सरकार से नाराज हैं। उनका कोई पोजेक्ट क्लीयर नहीं हो रहा। इसी वजह से रामदेव आंखें दिखा रहे हैं। वह जब क्लीयर हो जाएगा तो फिर गुणगान करने लगेंगे। बाबा अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए राजनीति करते हैं।

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