सराहनीय फैसला
सरकार का यह फैसला सराहनीय है जिसके तहत केन्द्रीय सशस्त्र बल के कांस्टेबल की परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कराने का फैसला लिया गया। इस परीक्षा का आयोजन 10 फरवरी से शुरू हो चुका है और यह 7 मार्च तक होगा। अब इस भाषा संबंधी सुविधा से भर्ती परीक्षा देने वाले छात्रों को बहुत ही फायदा होगा। इसका कारण है कि देश के हर प्रदेश क्षेत्र में हिंदी न बोली जाती है और न ही लिखी जाती। इन दूर दराज के क्षेत्रों में छात्रों को अंग्रेजी भाषा की भी जानकारी नहीं होती क्योंकि वे पब्लिक स्वूल की फीस देने में असमर्थ होते हैं।
ऐसे में अहिंदी क्षेत्र के अयर्थियों के लिए केन्द्रीय सशस्त्र बल में भर्ती होने का सपना पूरा नहीं हो पाता था। अब मातृभाषा में परीक्षा देने की सुविधा मिल जाने से अयर्थी भर्ती परीक्षा में तो सफल होंगे ही, साथ ही भविष्य में कांस्टेबलों को उन क्षेत्रों में भी तैनाती मिलेगी तो उनके लिए सुविधाजनक होगा जिस भाषा की उन्हें जानकारी है। असल में ऐसे सुधारों की जरूरत बहुत पहले थी कितु देर आयद दुरुस्त आयद। व्यवस्था में दूर दराज के लोगों के शामिल होने से अर्धसैनिक बलों के संगठन में समग्रता का जो विस्तार होगा उसका फायदा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और अयर्थियों को तो होगा ही साथ जिन क्षेत्रों में उनकी तैनाती होगी उन्हें भी कांस्टेबलों से संवाद स्थापित करने में सहजता होगी।