टला खतरा

👤 mukesh | Updated on:1 March 2024 5:38 AM GMT

टला खतरा

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राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रास वोटिग करके कपटपूर्ण व्यवहार किया जिसकी वजह से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार की पराजय हुईं। इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा ने उत्साहित होकर उन विधायकों के बल पर राज्य सरकार को संकट में होने का प्राचार शुरू कर दिया। बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात भी की किन्तु कांग्रेस के वेंद्रीय नेतृत्व ने सरकार बचाने के लिए जो कवायद शुरू की उसके तहत उन्हें लगा कि अब यदि बागी विधायकों के प्राति नरमी बरती गईं तो दूसरे भी इसी तरह की गलती करेंगे। यही कारण है कि विधानसभा अध्यक्ष ने कठोर कार्रवाईं करते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। सरकार के लिए ऐसा करना आवश्यक हो गया था। कांग्रेस ने समझदारी से विक्रमादित्य सिह को समझा बुझाकर त्यागपत्र वापस करा लिया। इससे पार्टी के अंदर टकराव की स्थिति टाली जा सकेगी।

किन्तु महत्वाकांक्षा से ग्रास्त विधायक कब तक शांत रहेंगे, यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिह सुक्खू की पृष्ठभूमि एक सामान्य परिवार की है। उनकी पकड़ राज्य के सामान्य कार्यंकर्ताओं पर है। यही कारण है कि कांग्रेस उन्हें खोना नहीं चाहती। इसके अतिरिक्त राज्य में भाजपा नेता वुछ भी कहें, सुक्खू को हटाने में भाजपा के वेंद्रीय नेतृत्व की कोईं रूचि नहीं थी। राज्य के हित के लिए हिमाचल प्रादेश में राजनीतिक स्थायित्व आवश्यक है और लग रहा है कि तात्कालिक रूप से स्थिति संभल गईं है।

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