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कांग्रेस कम सीटों पर लड़कर स्ट्राइक रेट बढ़ाएगी

👤 Veer Arjun | Updated on:9 March 2024 4:59 AM GMT

कांग्रेस कम सीटों पर लड़कर स्ट्राइक रेट बढ़ाएगी

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—अनिल नरेन्द्र

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने पहली लिस्ट जारी करके विपक्षी दलों पर दवाब बढ़ा दिया है। खासकर विपक्षी गठबंधन इंडिया और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लिए यह बड़ा संदेश माना जा रहा है। भाजपा ने विपक्ष को साफ संदेश देने की कोशिश की है कि चुनाव को लेकर वह पूरी तरह से तैयार है। वह सिर्प जीत का दावा ही नहीं कर रही, बल्कि उम्मीदवारों का ऐलान कर चुनावी तैयारियों का शंखनाद भी कर दिया है। माना जा रहा है कि इससे अब न सिर्प विपक्ष पर दबाव बढ़ गया है कि वह भी जल्द से जल्द गठबंधन में सीट बंटवारे को फाइनल करे और सीटों और उम्मीदवारों का ऐलान करें। कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और पांच राज्यों में आम आदमी पार्टी के साथ तालमेल हो गया है। बिहार से आरजेडी, महाराष्ट्र में एमवीए के बीच, झारखंड में झामुमो और दूसरे दलों के साथ और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल होना बाकी है।

दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय हो गया है। इसकी औपचारिक घोषणा भी की जा सकती है। सूत्रों के अनसार फाइनल हुईं सीट बंटवारे के तहत शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) 20, कांग्रेस 18 व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गठबंधन के अन्य सहयोगियों को शिव सेना अपने कोटे से समायोजित करेगी। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के महाराष्ट्र पहुंचने से पहले ही सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। न्याय यात्रा में सहयोगी दलों के नेता भी शामिल होंगे। इतना ही नहीं राहुल गांधी की रैली में भी इंडिया के नेता मौजूद रहेंगे।

सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी सीटों के बंटवारे का मामला तय हो गया है। केवल आधिकारिक घोषणा की जानी है। राहुल और अखिलेश यादव के गले मिलने से उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग का पैसला हो गया है। 63 सीटें समाजवादी पार्टी लड़ेगी और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस गठबंधन के साथ एक बार फिर यूपी में दो लड़कों की जोड़ी विपक्ष की ओर से भाजपा के खिलाफ मोर्चा संभालेंगी। सूत्रों का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने इतिहास में सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। पार्टी को यह समझौता इंडियन नेशनल डेवेलेपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के साथ गठबंधन की वजह से करना पड़ेगा। क्योंकि पार्टी कईं राज्यों में इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। वर्ष 2019 में पार्टी ने 421 सीट पर चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने से ज्यादा अहम जीत है। यही वजह है कि पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ समझौता करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि फसल तो तैयार है, काटने वाला चाहिए। देखा गया है कि कांग्रेस का संगठन अक्सर कमजोर पड़ जाता है और जीती जिताईं बाजी हार जाते हैं। इस समय हमें एक नेता ऐसा लगता है जो कि कांग्रेस के संगठन को मजबूती दे सकता है वह कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिव वुमार हैं।

उन्होंने कईं बार साबित किया है कि वह हार के मुंह से जीत निकाल सकते है। उन्हें लोकसभा चुनाव का इंचार्ज बनाना चाहिए। जैसे मैंने कहा राहुल ने माहौल तो बना दिया है, गठबंधन भी हो गए हैं, पर वोटों को निकालना है। क्या कांग्रेस और महागठबंधन यह कर सकेगा।

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