सही कार्रवाईं
अश्लीलता फैलाने वाले 18 ओटीटी प्लेटफार्म, 19 वेबसाइट, 10 ऐप्स और इनसे जुड़े 57 सोशल मीडिया एकाउंट बृहस्पतिवार को बंद करके सरकार ने साहसिक एवं सराहनीय कार्यं किया है। सरकार ने यह कार्रवाईं महिला संगठनों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधानों के तहत किया है। समाज में वुछ लोग धन कमाने के उद्देश्य से अश्लीलता पैलाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाईं का प्रावधान भी है। समाज के प्राति जो दायित्व सरकार का है वही हर नागरिक का भी है। सामाजिक अपराधी कभी भी परिणाम की परवाह नहीं करते। उनके लिए व्यावसायिक नैतिकता का मतलब मात्र धनार्जन हुआ करता है।
अब तर्क दिया जा सकता है कि सरकार द्वारा की गईं कार्रवाईं से बेरोजगारी बढ़ेगी। इस तरह की बकवास तर्को की परवाह किए बिना समाज के शत्रुओं के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत कार्रवाईं करना सरकार का समाज के प्रति अनिवार्यं कर्तव्य है। सवाल तो यह है कि इतनी बड़ी संख्या में जब ओटीटी, वेबसाइट, ऐप और सोशल मीडिया एकाउंट बन जाते हैं तब सरकार जागती है। इसके पहले सूचना एवं प्रासारण मंत्रालय सक्रियता नहीं दिखाता। बहरहाल देर से ही सही सरकार की कार्रवाईं उचित और सराहनीय है।