क्या आईंएस खुरासान ने रूस पर हमला किया
—अनिल नरेन्द्र
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और उनके प्राभाव वाले मीडिया की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि शुक्रवार को मॉस्को के थिएटर पर होने वाले हमले की जिम्मेदारी यूव््रोन पर डाली जा सके। लेकिन इस हमले की जिम्मेदारी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईंएस) खुरासान ने स्वीकार की है। हमलावरों ने न केवल क्रॉकस सिटी हाल में मौजूद लोगों पर बंदूकों से हमला किया बल्कि उन्होंने इमारत को भी आग लगा दी। रूस की जांच समिति की ओर से जारी वीडियो में कॉन्सर्ट हॉल का न केवल छत गिरने का दृश्य दिखाया गया है बल्कि बीम भी गिरते देखे जा सकते हैं। इस हमले में 137 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
अंग्रोजी में इस चरमपंथी संगठन को आईंएस कहा जाता है जो कथित इस्लामिक स्टेट खुरासान का संक्षिप्त रूप है। यह संगठन वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित किए गए गुट कथित इस्लामिक स्टेट का ही अंग है। इसका पूरा ध्यान अफगानिस्तान, ईंरान और पाकिस्तान पर वेंद्रित है। इस संगठन ने खुद को खुरासान का नाम दिया है क्योंकि जिन देशों में यह सक्रिय है वह क्षेत्र इस्लामी खिलाफत के इतिहास में इसी नाम से जाना जाता था। कथित इस्लामिक स्टेट खुरासान पिछले नौ सालों से इस क्षेत्र में सक्रिय है लेकिन हाल के महीनों में यह मूल इस्लामिक स्टेट की सबसे खतरनाक अनुषांगिक शाखा बनकर उभरी है जो अपनी निर्दयता और अत्याचार की वजह से जानी जाती है। यह अतिवादी संगठन सीरिया और इराक में मौजूद अपने वेंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर इस्लामी दुनिया में कथित खिलाफत की व्यवस्था लाना चाहता है जहां वह अपनी मजा के सख्त कानून लागू कर सके।
अफगानिस्तान में यह संगठन सत्तारूढ़ समूह तालिबान के खिलाफ भी जंग लड़ रहा है। इस साल इसने काबुल में रूसी दूतावास को भी निशाना बनाया था जिसमें छह लोग मारे गए और कईं घायल हो गए थे। इन गिरोह की ओर से पहले अस्पतालों, बस अड्डों, पुलिस अधिकारियों को भी निशाना बनाया जाता रहा है। इस साल जनवरी में इस्लामिक स्टेट खुरासान ने ईंरान के राज्य मिरयान में दो आत्मघाती हमलों की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें लगभग 100 ईंरानी नागरिक मारे गए थे, रूस की सरकारी मीडिया के अनुसार गिरफ्तार किए गए चारों लोग ताजिक थे जिनका संबंध मध्य एशिया देश ताजिकिस्तान से था जो पहले सोवियत यूनियन का हिस्सा हुआ करते थे। इस्लामिक स्टेट खुरासान की ओर से रूस पर हमला करने की कईं वजहें हो सकती हैं। यह संगठन दुनिया के अधिकतर देशों को अपना दुश्मन जानती है। यह रूस, अमेरिका, यूरोप, यहूदी, ईंसाईं, शिया मुसलमान और मुस्लिम बहुल देशों के शासक भी उसकी दुश्मनी की लिस्ट में शामिल हैं। कथित इस्लामिक स्टेट की रूस से दुश्मनी 1990-2000 के दशक में चेचन्या की राजधानी में रूसी फौज की कार्रवाईंयों के कारण भी हो सकती है।
हाल के दिनों में रूस ने सीरिया में होने वाले गृह युद्ध में राष्ट्रपति अल-असद का साथ दिया था और रूसी वायुसेना ने वहां अनगिनत बमबारी की थी। इन कार्रवाइयों में बड़ी संख्या में कथित इस्लामिक स्टेट और अलकायदा के लड़ाके मारे गए थे। यह रूस को एक ईंसाईं देश समझता है और इस गिरोह की ओर से मॉस्को पर होने वाले हमले के बाद पोस्ट किए गए वीडियो में ईंसाइयों की हत्या की बात भी की गईं थी। यह भी हो सकता है कि रूस इस समय यूव््रोन में उलझा हुआ है, ऐसे में रूस एक आसान लक्ष्य लगा हो जहां हथियार भी आसानी से उपलब्ध हों। यह हमला यूव््रोन के लिए समर्थन जुटाने के लिए भी हो सकता है।