Home » संपादकीय » जर्मनी, अमेरिका के बाद अब संयुक्त राष्ट्र

जर्मनी, अमेरिका के बाद अब संयुक्त राष्ट्र

👤 Veer Arjun | Updated on:2 April 2024 6:05 AM GMT

जर्मनी, अमेरिका के बाद अब संयुक्त राष्ट्र

Share Post

—अनिल नरेन्द्र

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी और अमेरिका के बयान के बाद अब संयुक्त राष्ट्र ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रावक्ता स्टीफन दुजारिक से अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रोस पार्टी के बैंक खातों को प्रीज करने को लेकर पूछा गया सवाल को जवाब में एंटोनियो गुटेरेस के प्रावक्ता ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दूसरे किसी भी देश की तरह जहां चुनाव हो रहा है, भारत में भी राजनीतिक और नागरिक अधिकारों के साथ-साथ सभी लोगों के हितों की रक्षा होनी चाहिए। प्रावक्ता ने कहा कि दुनिया को उम्मीद है कि हर कोईं स्वतंत्र और निष्पक्षता माहौल में भारत के संसदीय चुनावों में वोट कर सकेगा। प्रावर्तन निदेशालय ने अरविद केजरीवाल को दिल्ली की आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। भारत के पूर्व विदेश सचिव और तुका, प्रांस, रूस सहित कईं देशों के राजदूत रहे कंवल सिब्बल ने अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी संबंधित यूएन की टिप्पणी को सुनियोजित बताया है। सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा, क्या केजरीवाल को मिल रहा यह बाहरी समर्थन वुछ कहता है?

संयुक्त राष्ट्र चार्टर सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप पर रोक लगता है, लेकिन यूएनएसजी का आफिस खुद इसका उल्लंघन कर रहा है। इससे पहले अमेरिका केजरीवाल की गिरफ्तारी और चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी कांग्रोस के बैंक खातों को प्रीज करने के आरोपों में दो बार टिप्पणी कर चुका है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रावक्ता ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका, अरविद केजरीवाल की गिरफ्तारी से जुड़ी रिपोट्र्स पर बारीकी से नजर रख रहा है और निष्पक्ष कानूनी प्राव््िराया को मजबूत करने के पक्ष में खड़ा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय को अवांछित करार देते हुए भारत ने इसका कड़ा विरोध जताया और भारत में मौजूद अमेरिकी कार्यंवाहक डिप्टी चीफ ऑफ मिशन ग्लोरिया बब्रेना को तलब किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कल भारत ने अमेरिकी दूतावास को एक वरिष्ठ राजनयिक को अपनी कड़ी आपत्ति और विरोध दर्ज कराया था।

भारत में कानूनी प्रक्रिया कानून के शासन से चलती है। अमेरिकी राजनयिक को तलब किए जाने के बाद फिर से केजरीवाल और कांग्रोस पार्टी के बैंक खातों को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रावक्ता से सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में मैथ्यू विलर ने कहा था, हम कांग्रोस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि आयकर विभाग ने उनके वुछ बैंक खातों को प्रीज कर दिया है। जिससे कि आगामी चुनावों में प्राचार करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। हम इनमें से हर एक मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदशा और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। बीते सप्ताह ही सोनिया गांधी सहित कांग्रोस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रोस कांफ्रेंस कर कहा था कि महज 14 लाख रुपए के टैक्स बकाये से जुड़े मामले में पार्टी को 285 करोड़ रुपए का पंड को रोक दिया गया है। इससे पहले जर्मनी ने भी अरविद केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए निष्पक्ष सुनवाईं की अपील की थी। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रावक्ता से सवाल किया गया था कि चुनावों से पहले भारत में विपक्ष के एक बड़े नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल की गिरफ्तारी को वो वैसे देखते हैं? प्रावक्ता ने कहा था, हमने इस मामले की जानकारी ली है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से जुड़े मानकों को लागू किया जाएगा।

Share it
Top