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संजय सिह की दहाड़

👤 Veer Arjun | Updated on:9 April 2024 5:04 AM GMT

संजय सिह की दहाड़

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—अनिल नरेन्द्र

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिह ने कहा कि जेल में छह महीने बिताने के बाद उनका मनोबल बढ़ा है और साथ ही अन्याय व तानाशाही के खिलाफ लड़ने का संकल्प मजूबत हुआ है। जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए संजय सिह ने कहा कि जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन भी जल्द रिहा होंगे।

तिहाड़ से निकलते ही संजय सिह ने अपने कार्यंकर्ताओं से कहा कि ये समय जश्न का नहीं बल्कि संघर्ष का है। अपने संबोधन में भाजपा और प्राधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जेल का जवाब जनता देगी अपने वोट से। जानकार मानते हैं कि संजय सिह की रिहाईं संकट से जूझती आम आदमी पार्टी के लिए सुवून लेकर आईं है। ये न सिर्प कार्यंकर्ताओं और अन्य नेताओं में उत्साह भरने का काम करेगी बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को फायदा होगा। संजय सिह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और उनकी पार्टी के पदाधिकारियों, सांसदों, नेताओं, कार्यंकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ मानी जाती है। जब तक संजय सिह रिहा नहीं हुए थे, तब तक पार्टी के चार बड़े नेता अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और खुद संजय सिह जेल में थे। पार्टी एक तरह से लीडर लैस हो गईं थी। संजय सिह के आने से पहला फायदा तो ये होगा कि पार्टी को एक सफल नेतृत्व मिलेगा। संजय सिह आम आदमी पार्टी के उन लोगों में से हैं जो राजनीतिक तौर पर काफी मंझे हुए हैं।

उनकी पार्टी के वैडर में पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों के बीच अच्छी पकड़ है। साथ ही उन्होंने पंजाब में भी काफी काम किया है तो दिल्ली और पंजाब दोनों ही जगह पार्टी इकाईं उनका बहुत सम्मान करती है। इस लिहाज से भी वह पार्टी को बहुत फायदा दे सकते हैं। संजय सिह की जेल से रिहाईं के समय तिहाड़ जेल के बाहर जो माहौल था वह शायद आम आदमी पार्टी के किसी नेता के लिए कभी न हो। उसमें उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया या स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन रहे हों।

जिस दिन अरविन्द केजरीवाल तिहाड़ पहुंचे थे उनके लिए भी ऐसा माहौल नहीं था। जिस समय संजय सिह जेल से बाहर आए तो उनके समर्थकों में गजब का उत्साह था और शेर आया शेर आया नारे से उन्होंने माहौल को पूरी तरह गरमा दिया था। जो बोलने का अंदाज संजय सिह का है वह किसी के पास नहीं। सवाल यह उठ रहा था कि जब सारे टॉप नेता जेल में हैं तो पार्टी कौन संभालेगा, पार्टी में लीडरशिप की दूसरी पंक्ति में कौन हैं? पर जब संजय सिह बाहर आए तो ये भावना जगी कि कम से कम कोईं तो नेता साथ है, जो वाकईं हतोत्सहित करने वाला है कि जब लोकसभा चुनाव आ गए हैं तब पार्टी के सारे शीर्ष नेता जेल में हैं।

सुनीता केजरीवाल को भले ही आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री की कमान मिल जाए लेकिन वह सिर्प नपा तुला ही बोल सकती हैं, क्योंकि वह राजनीति की पाठशाला में अभी एबीसीडी सीख रही हैं जबकि संजय सिह इसमें महारथ हासिल कर चुके हैं। जिसके चलते हर विधानसभा क्षेत्र में जब उनकी सभा होगी तो वहां का आलम ही अलग होगा और कहीं न कहीं उनका कद आम आदमी पार्टी में तेजी से बढ़ेगा क्योंकि इस समय जितने भी नेता बाहर हैं उनमें वह सब पर भारी पड़ते हैं। संजय सिह के बाहर आने से इंडिया एलायंस को भी फायदा मिलेगा। याद रहे कि संजय सिह भाजपा के रहमो-करम पर तो छूटे नहीं है। उनके खिलाफ केस इतना कमजोर था कि छुटना तो था ही।

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