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दो निषाद चेहरे अब महागठबंधन में

👤 Veer Arjun | Updated on:11 April 2024 4:49 AM GMT

दो निषाद चेहरे अब महागठबंधन में

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—अनिल नरेन्द्र

मुकेश सहनी की पार्टी वीआईंपी के इंडिया गठबंधन में आ जाने से इस गठबंधन का आकार बड़ा हो गया है। अब एनडीए तथा इंडिया दोनों ही गठबंधनों में छह-छह दल हो गए हैं। हालांकि एनडीए गठबंधन में पांच दल जदयू, भाजपा, लोजपा (रामविलास), हम, और रालोसपा ही चुनाव लड़ रहे हैं। पशुपति पारस की रालोजपा समर्थन में खड़ी है। वहीं बिहार के महागठबंधन में पांच दलों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ। राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और भाकपा माले। अब राजद ने अपने कोटे से तीन सीट देकर वीआईंपी को भी इसमें जोड़ लिया है। मुकेश सहनी शनिवार को अपनी पार्टी के साथ महागठबंधन में शामिल हुए तो इसी दिन मुजफ्फरपुर के भाजपा सांसद अजय निषाद ने विधिवत कांग्रेस की सदस्यता ले ली। बिहार के दो बड़े निषाद चेहरे अब महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। गौर हो कि निषाद आरक्षण को लेकर पिछले कईं वर्षो से संघर्ष कर रहे मुकेश सहनी सन आफ मल्लाह के रूप में भी पहचाने जाते हैं। वहीं अजय निषाद पूर्व सांसद स्व. जयनारायण निषाद के पुत्र हैं।

जयनारायण निषाद समाज के एक बड़ा चेहरा रहे। बीच के 2004- 2009 में जार्ज के कार्यंकाल को छोड़ दें तो सन 1996 से 2024 तक मुजफ्फरपुर सीट पर पिता-पुत्र का कब्जा रहा है। फिर से उनके इस सीट पर कांग्रेस के सिम्बल पर उतरने की चर्चा है। मुकेश और अजय के महागठबंधन में आने से उत्तर बिहार की कईं सीटों पर लाभ मिल सकता है। वैसे एनडीए के पास भी बड़े निषादांे की जोड़ी है।

भाजपा के पास हरि सहनी हैं तो जदयू के पास मदन सहनी। दोनों ही राज्य सरकार में अभी मंत्री हैं और उत्तर बिहार से आते हैं। आबादी में मल्लाहों का हिस्सा 2.60 प्रतिशत है और यह निर्णायक साबित हो सकता है। खासकर उत्तर बिहार की एक दर्जन सीटों पर। 11 वषरे के सफर में दूसरी बार महागठबंधन में आए मुकेश सहनी बिहार की सियासत में 2013 में आए। वे कभी एनडीए का तो कभी गठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी बिहार की राजनीति में अहम किरदार बनकर उभरे हैं। मुकेश सहनी ने 2013 में सिने वल्र्ड में सेट डिजाइनर से बिहार की राजनीति में कदम रखा और 2015 में उन्होंने निषाद विकास संघ का गठन कर मल्लाहों को एकजुट करना प्रारंभ किया। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा का साथ दिया, लोकसभा चुनाव में भाजपा को सफलता मिली, लेकिन विधानसभा चुनाव में एनडीए को करारी हार।

इसके बाद मुकेश सहनी से भाजपा की दूरी बढ़ने लगी। 2018 में मुकेश सहनी ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईंपी) का गठन किया और महागठबंधन में शामिल हो गए, पर खटपट शुरू हो गईं। अब चार साल बाद महागठबंधन में फिर उनकी वापसी हुईं है।

महागठबंधन का हिस्सा बनी वीआईंपी राजद कोटे की तीन सीटों गोपालगंज, मोतिहारी और झांझारपुर में प्रत्याशी उतारेगी। शुव्रवार को राजद कार्यांलय में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा की। इस मौके पर मुकेश सहनी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि जब उनकी मजबूरी होती है तब वे निषाद समाज का साथ चाहते हैं, बाद में भूल जाते हैं। उन्होंने गठबंधन के घटक दलों का आभार भी जताया।

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