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तीसरा चरण भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

👤 mukesh | Updated on:2 May 2024 5:53 AM GMT

तीसरा चरण भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

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—अनिल नरेन्द्र

दूसरे चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा के लिए तीसरा चरण बेहद महत्वपूर्ण है। इसी चरण में भाजपा ने 2019 के आम चुनाव में सबसे अधिक 75 सीटें जीती थीं। बिहार में पुराना एनडीए दोबारा एकजुट हो गया है, लेकिन महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के अलग होने का नुकसान उठाना पड़ सकता है। तीसरे चरण में 12 राज्यों की 94 सीटों के लिए 7 मईं को मतदान होगा। इस चरण में 2019 में हुए चुनाव में भाजपा को 70 और एनडीए को 78 सीटें मिली थीं। अब तक दो चरणों में हुए चुनाव में 191 संसदीय सीटों पर मतदान हो चुका है। इसमें 2019 में भाजपा को 40 सीटें मिली थीं। दूसरे चरण में 88 सीटों के लिए चुनाव हुआ जिसमें भाजपा की झोली में 62 सीटें गईं। अब 7 मईं को होने वाले तीसरे चरण में 12 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की 94 सीटों पर मतदान होगा।

तीसरे चरण में 12 राज्यों, इसमें असम की चार, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की सात, गोवा की दो, गुजरात की सभी 26, कर्नाटक की 14, मध्य प्रदेश की आठ, महाराष्ट्र की 11, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की चार, दादरा और नगर हवेली एवं दमन द्वीप की दो और जम्मू-कश्मीर की अंतननाग, राजाैरी सीट पर चुनाव होंगे। भाजपा ने असम की चार में से एक गुवाहटी की सीट जीती थी। बिहार में पांच में से भाजपा को एक सीट मिली थी, लेकिन उनकी चार सीटें एनडीए में शामिल जेडीयू और लोजपा को मिली थीं। छत्तीसगढ़ में 7 में से 6 सीटें भाजपा ने जीती थीं। गोवा की दो में से एक सीट भाजपा की झोली में गईं थी। सबसे बड़ा हिस्सा भाजपा को गुजरात से मिला था। वहां से 26 में से 26 सीटें भाजपा को मिली थीं। कर्नाटक की 14 सीटों के लिए चुनाव होगा जिसमें 11 सीटें भाजपा के पास है। मध्य प्रदेश की 9 में से 9 सीटें भाजपा ने जीती, जबकि महाराष्ट्र की 11 में से 5 भाजपा जीती थी।

शिवसेना ने चार सीटें जीती थीं। इस बार शिवसेना अलग है। एकनाथ शिंदे गुट भाजपा के साथ है। इस गुट की भी कड़ी परीक्षा होनी है। उत्तर प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें से भाजपा के पास 8 और समाजवादी पार्टी के पास दो सीटें हैं। तीसरे चरण में पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर चुनाव है जिसमें से भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।

तीसरे चरण में भाजपा के पास उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में सीटें बढ़ाने का मौका है। बाकी राज्यों में भाजपा की सीटें कम होने का खतरा मंडरा रहा है। भाजपा की कोशिश है कि यदि सीटें न बढ़े तो कम भी नहीं होनी चाहिए इसलिए पार्टी ने चुनावी अभियान को ध्रुवीकरण की तरफ मोड़ दिया है। तीसरे चरण तक देश की 543 सीटों में से 284 सीटों पर चुनाव हो चुके होंगे। पिछले चुनाव के आंकड़ों के अनुसार भाजपा इनमें से 162 सीटें जीती थी। इनमें एनडीए की 10 सीटें जोड़े दी जाएं तो 172 हो जाती है। अबकी बार 400 पार का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भाजपा को बाकी 259 सीटों में अधिक सीटें जीतनी होगी और यह बहुत बड़ी चुनौती है।

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