Home » संपादकीय » सतर्कता जरूरी

सतर्कता जरूरी

👤 mukesh | Updated on:5 May 2024 4:39 AM GMT

सतर्कता जरूरी

Share Post

अभी स्‍कूलों में बम की अफवाह की खबर की जांच पूरी भी नहीं हो पाईं थी तब तक शनिवार को नईं दिल्ली के सर्वाधिक महत्व वाली माव्रेट कनाट प्लेस के एन ब्लाक में लावारिस बैग मिलने की घटना सामने आने से लोगों में दहशत फैलना स्वाभाविक है। गत सप्ताह जो ईं-मेल 80 स्‍कूलों में भेजे गए थे, वे मजहबी थे और उनकी भाषा अत्यन्त आपत्तिजनक थी। दिल्ली पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर स्‍कूलों में बम होने की अफवाह की जांच कर रही है और उसका पूरा सच भी जल्दी ही सामने आ जाएगा किन्तु जो लावारिस बैग कनाट प्लेस में मिला है, उसके बारे में तो यही कहा जा सकता है कि आतंकियों ने अब अफवाह से एक कदम आगे बढ़कर दुस्साहस कर दिया है। यह सच है कि इस वक्त देश में आम चुनाव चल रहा है और खुफिया एजेंसियां एवं सुरक्षा बल का पूरा ध्यान प्रात्याशियों की सुरक्षा और रैलियों में शामिल होने वाली जनता की सुरक्षा पर है। यही कारण है कि शरारती तत्व इस गलतफहमी में हैं कि वे अपने उद्देश्य में सफल हो जाएंगे। किन्तु वास्तविकता तो यह है कि वेंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यांलय मिलकर फुलप्रूफ सुरक्षा की जो भी रणनीति बनाते हैं देश की खुफिया एजेंसियां उसी का पालन करती हैं और सभी संवेदनशील मामलों पर उचित ध्यान देती हैं।

दरअसल इस वक्त चुनाव का समय है, इसलिए स्‍कूलों में फजा चेतावनी और लावारिस बैग मिलने को विपक्षी पार्टियां सरकार की असफलता बताने में देर नहीं करतीं। वुछ राजनेता तो बड़े ही समझदारी से सरकार पर निशाना लगाते हैं। उनका कहना है कि सरकार ने ईंडी और सीबीआईं को तो नेताओं के पीछे लगा दिया है तो फिर आतंकी इस तरह की दहशत पैलाने के लिए स्वतंत्र दिखेंगे। इस अज्ञानता का तो कोईं जवाब नहीं दिया जा सकता किन्तु ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि घटना के बाद भी और घटना के पहले भी सीबीआईं और ईंडी की आतंकी घटनाओं में कोईं भूमिका नहीं होती। घटनाओं की रोकथाम को रोकने के लिए रिसर्च एण्ड एनालिसिस विग यानि रॉ, इंटेलीजेंस ब्यूरो यानि आईंबी और मिलिट्री इंटेलीजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जबकि घटना के बाद ऐसी वारदातों की जांच-पड़ताल नेशनल जांच एजेंसी यानि एनआईंए करती है।

बहरहाल चुनाव के वक्त आतंकी जितना भी दहशत पैलाने की कोशिश करना चाहते हैं, करें यह उनकी रणनीति का अंग है किन्तु द्रुत कार्रवाईं के माध्यम से शरारती तत्वों को पकड़ने और उन्हें सजा दिलाने का प्रायास सुरक्षा एजेंसियां करेंगी। देश में अफरातफरी मचाने के उद्देश्य से ही इस तरह की खुराफात हो रही है, चुनाव के बाद फिर ये लोग लुप्त हो जाएंगे। लेकिन जो आज अफवाह है कहीं वह सच न साबित हो जाएं, इसलिए सतर्वता बनी रहनी चाहिए।

Share it
Top