Home » संपादकीय » 27 करोड़ रुपए का सोना अभी नहीं मिलेगा

27 करोड़ रुपए का सोना अभी नहीं मिलेगा

👤 Veer Arjun | Updated on:14 Sep 2021 4:45 AM GMT

27 करोड़ रुपए का सोना अभी नहीं मिलेगा

Share Post

-अनिल नरेन्द्र

देश के दूसरे प्रधानमंत्री स्‍वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री को तोलने के लिए 56 साल पहले राजस्थान में 56.863 किलो सोना जमा किया गया था। यह सोना केन्‍द्र सरकार को मिलना है, लेकिन मामला सुलझने के बजाय और उलझ गया है। कोर्ट दस्तावेज और कलैक्टर के मालखाने के रजिस्टर में जब्ती से जुड़े नम्बर मेल नहीं खा रहे हैं। इस पर अदमपुर कलैक्टर कार्यांलय ने 27 करोड़ रुपए का यह सोना केन्‍द्र सरकार को सौंपने से इंकार कर दिया है।

दरअसल एजीडे-1 कोर्ट ने 17 फरवरी को सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) विभाग के पक्ष में फैसला दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया कि इसे 24 मार्च को सीजीएसटी को सौंप दिया जाए। इस पर मजिस्ट्रेट, सीजीएसटी अफसर और वकील आदि सोना लेने कलैक्टर मालखाना पहुंचे तो उनके चेहरे से चमक उड़ गईं। दरअसल कोर्ट ने जिस केस नम्बर 11- 70 पर सोने की जब्ती दिखाईं, वह कलैक्टर मालखाने में 38-81 दर्ज है।

जिस समय सोना जमा हुआ था तब इसकी कीमत पांच लाख रुपए थी, जो अब बढ़कर 27 करोड़ रुपए हो गईं है। उदयपुर कलैक्टर देवड़ा ने मईं में कोर्ट को पत्र लिखकर नम्बर स्पष्ट करने के लिए कहा था। 1965 में कोरी साइड़ी के लोगों ने तत्कालीन पीएम शास्त्री को तोलने के लिए यह सोना दिया था। दिसम्बर 1965 में गुणवंत लाल ने गणपत अंजना सहित तीन लोगों पर केस दर्ज कराया था। इसमें 56.863 किलो सोना नहीं लौटाने का आरोप लगाया था। गणपत ने सोना चित्‍तौड़गढ़ कलैक्टर को सौंपा और पीएम के उदयपुर आने पर तोलने की बात कही। इसी बीच ताशवंद में पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री का निधन हो गया। केस के आधार पर पुलिस ने सोने की जब्ती बता दी। हालांकि वह कलैक्टर के पास ही रहा। 1969 में मामला कोर्ट पहुंचा था।

Share it
Top