न्यूजपेपर से नहीं फैलता है कोरोना वायरस, यह सच है
-अनिल नरेंद्र
अखबार हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं। लॉकडाउन में अखबारों की सप्लाईं प्राभावित हुईं है। अखबार छप तो रहे हैं पर लोगों तक नहीं पहुंच रहे। इसका सबसे बड़ा कारण है हॉकरों का अखबारों को न उठाना। इसका कारण यह है कि पहला तो घर से निकलना मुश्किल हो गया और दूसरा वुछ हॉकरों को अखबार छूने से डर लगता है कि कहीं इनके माध्यम से उन्हें कोईं नुकसान न हो जाए। लॉकडाउन के कारण बाधित वस्तुओं की ढुलाईं पर अब रोक हट गईं है। अब तक सिर्प आवश्यक वस्तुओं की ढुलाईं को अनुमति दी गईं थी। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के लिए जारी किए गए पत्र में वेंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प््िरांट मीडिया वितरण व प्रासारण से जुड़े सभी चेन इसमें आते हैं। यानि इंक, प्लेट्स, न्यूज प््िरांट से लेकर कर्मयोगी तक इसकी श्रेणी में आएंगे। पिछले दिनों में यूं तो कईं आवश्यक वस्तुओं की ढुलाईं का निर्देश था। प््िरांट मीडिया भी आवश्यक सेवा में शामिल है लेकिन इससे जुड़ी कईं सामग््िरायों की ढुलाईं में मुश्किलें आ रही थीं। यहां तक कि प््िरांट मीडिया में काम करने वाले कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
हॉकरों को घर से अखबारों के वितरण करने में मुश्किलें आ रही थीं। जबकि सरकार के साथ विशेषज्ञों की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि अखबार पूरी तरह सुरक्षित है। इससे संव््रामण का खतरा नहीं है। बहरहाल रविवार को मुख्य सचिवों को जारी पत्र में गृह सचिव ने साफ-साफ कहा कि प््िरांट मीडिया के सप्लाईं चेन में जुड़ी सभी चीजों की ढुलाईं पर कोईं पाबंदी नहीं है, कोईं रोक नहीं है। इस पत्र में यह भी कहा गया साबुन, सैनिटरी पैड्स, बॉडी वॉश, शैंपू, डिटर्जेट के अलावा मिल्क पूड जैसी सामग्री भी शामिल हैं। रेड व््राॉस सोसाइटी भी इसमें शामिल है। कोरोना को हराने के लिए आपके पास सही जानकारी जरूरी है। अखबार से हम यही कोशिश कर रहे हैं। साथ ही हम उन अफवाहों का खंडन कर सही तस्वीर पेश करने का प्रायास कर रहे हैं। तमाम अखबार छप रहे हैं।
आज ही आप अपने हॉकर को यह सब जानकारी दें और उसे समझाएं कि वह अखबार डालना शुरू करें। इसमें किसी प्राकार का कोईं खतरा नहीं है।
कोरोना वायरस, यह सच है