Home » संपादकीय » महामारी में सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है

महामारी में सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है

👤 Veer Arjun | Updated on:26 May 2020 7:33 AM GMT

महामारी में सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है

Share Post

-अनिल नरेन्द्र

कोरोना महामारी से निपटने की रणनीति को लेकर शुव््रावार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाईं में 22 विपक्षी दलों की वीडियो कांप्रोंस के जरिये बैठक हुईं। बैठक में कईं दल शामिल हुए। कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल थे। जेडीएस से पूर्व प्राधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, तृणमूल कांग्रोस से पािम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनजा, डेरेक ओब्रायन, एनसीपी से शरद पवार, प्रापुल्ल पटेल। जेएमएम से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, संजय राउत। डीएमके से एमके स्टालिन, नेशनल कांप्रोंस से उमर अब्दुल्ला आदि नेता बैठक में शामिल हुए। विपक्षी दलों की बैठक से समाजवादी पाटा, बहुजन समाज पाटा और दिल्ली की आम आदमी पाटा (आप) दूर रही।

कांग्रेस नेता मानते हैं कि सपा और बसपा उत्तर प्रादेश में प्र‍ियंका गांधी वाड्रा के प्रावासी मजदूरों के हमलावर रुख और उनकी सक्रि‍रायता की वजह से शामिल नहीं हुईं। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार कोरोना संकट से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है। सरकार के लॉकडाउन से बाहर आने की कोईं रणनीति नहीं है। वहीं बैठक में कांग्रोस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि संकट के इस समय भी सारी शक्तियां प्राधानमंत्री कार्यांलय तक सीमित हैं। चौथे दौर के लॉकडाउन के बीच वीडियो कांप्रोंसिंग से 22 विपक्षी दलों की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने वेंद्र पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने संघवाद की भावना को पूरी तरह भुला दिया है। विपक्ष की मांगों को पूरी तरह अनसुना कर दिया गया है। सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना के खिलाफ लड़ाईं को 21 दिन में जीतने की उम्मीद गलत साबित हुईं है। लॉकडाउन को लेकर वेंद्र के पास कोईं रणनीति नहीं है। 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा को व््राूर मजाक बताते हुए सोनिया ने कहा कि विपक्षी पार्टियां यह मांग कर चुकी हैं कि गरीबों के खातों में सीधे पैसे डाले जाएं, सभी परिवारों को मुफ्त राशन मिले पर सरकार ने हमारी मांगों को अनसुना कर दिया।

राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के दो लक्ष्य हैं। बीमारी रोकना व आने वाली बीमारी से लड़ने की तैयारी करना। पर आज संव््रामण बढ़ रहा है और हम लॉकडाउन खोल रहे हैं। साफ है कि बिना सोचे-समझे किए गए लॉकडाउन से सही नतीजे नहीं आए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से करोड़ों लोगों को नुकसान हुआ है। पर सरकार ने उनकी कोईं मदद नहीं की। मजदूरों के खाते में साढ़े सात हजार नहीं डाले। बैठक के बाद राकांपा प्रामुख शरद पवार ने ट्वीट किया कि विपक्षी दल चाहते हैं कि पीएम कोरोना के मुद्दे पर विपक्ष से भी बात करें। समान विचारधारा वाले दल वेंद्र से 10 सूत्रीय मांग उठाने जा रहे हैं, जिसे सरकार को तुरन्त लागू करना चाहिए। बैठक में 22 विपक्षी दलों ने अम्फान तूफान को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग का एक प्रास्ताव भी पास किया।

Share it
Top