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पाक के बाद तुका बना भारत विरोधियों का केंद्र

👤 Veer Arjun | Updated on:26 Sep 2020 7:36 AM GMT

पाक के बाद तुका बना भारत विरोधियों का केंद्र

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-अनिल नरेन्द्र

संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर तुका के राष्ट्रपति रजब तैयब अदरेआन ने फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। तुका के इस बयान पर भारत ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में बाहरी देश का हस्तक्षेप बिल्वुल मंजूर नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी प्रातिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने ट्विटर पर कहा कि अंकारा को अन्य देशों की संप्राभुता का सम्मान करना चाहिए और इसके और इसकी नीतियों पर इसकी गहरी छाप दिखाईं देनी चाहिए। उन्होंने लिखा कि कश्मीर पर हमने अदरेआन की टिप्पणी देखी है। यह अस्वीकार्यं है और तुका को दूसरे देशों की संप्राभुता का ख्याल रखना चाहिए। दरअसल अदरेआन ने अपने बयान में कहा था कि कश्मीर विवाद, जो दक्षिण एशिया की स्थिरता और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है। अभी भी एक ज्वलंत मुद्दा है। बातचीत के माध्यम से कश्मीर के मुद्दे को हल करना अनिवार्यं है। इस बीच पाकिस्तान के प्राधानमंत्री इमरान खान ने अदरेआन की सराहना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा—हम संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीरी लोगों के अधिकारों के समर्थन में एक बार फिर अपनी आवाज उठाने के लिए राष्ट्रपति अदरेआन की सराहना करते हैं।

कश्मीरी लोगों के जायज संघर्ष को तुका के समर्थन से हौंसला मिलता है। एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद वुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। इसी साल फरवरी महीने में तुका के राष्ट्रपति अदरेआन पाकिस्तान के दौरे पर आए थे तब उन्होंने पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि कश्मीर का मुद्दा जितना अहम पाकिस्तानियों के लिए है उतना ही तुका के लोगों के लिए भी है। तुका अब पाकिस्तान के बाद भारत विरोधी गतिविधियों का दूसरा सबसे बड़ा वेंद्र बनकर उभरा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केरल और कश्मीर समेत देश के तमाम हिस्सों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुका से पंड मिल रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि तुका भारत के मुसलमानों में कट्टरता पैलाने और चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी यह कोशिश दक्षिण एशिया के मुसलमानों पर अपने प्राभाव के विस्तार की कोशिश है। मध्य-पूर्व देशों में सऊदी अरब की लीडरशिप को तुका चुनौती देने में लगा है और मुसलमानों में अपनी लोकप्र‍ियता बढ़ाने की कोशिशें कर रहा है। शायद अदरेआन तुका की पुरानी ओरोमन एम्पायर की तरह तुका का विस्तार करने का सपना देख रहा है।

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