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निगमों का एकीकरण

👤 Veer Arjun | Updated on:23 May 2022 4:44 AM GMT

निगमों का एकीकरण

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दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) 10 वर्षो बाद रविवार यानि 22 मईं 2022 से फिर एक हो गईं। वर्ष 2012 में नगर निगम को इसलिए तीन भागों में विभाजित कर दिया गया था ताकि दिल्लीवासियों को घर के नजदीक सुविधाएं दी जा सवें। किन्तु दुर्भाग्य से तीन नगर निगम होने के बावजूद दिल्लीवासियों को विभाजन का कोईं लाभ तो मिला नहीं हालत बद से बदतर और हो गईं।

दरअसल तीनों नगर निगमों की नीतियां अलग-अलग थीं और तीनों नगर निगम अपने-अपने मुख्य कार्यांलय तक नहीं बना सके। उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम ने तो मुख्यालय के किराये को लेकर कानूनी लड़ाईं तक शुरू कर दी। नगर निगमों ने एक भी जोन नहीं बढ़ाया और न ही कार्यांलय बनाया तो आम आदमी को नजदीक में सुविधाएं मिलने का मतलब ही नहीं।

तीन निगमों की वजह से दिल्ली सरकार की भी मुसीबत बढ़ गईं थी। दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय विभाजन प्रक्र‍िया को सही तरीके से पूरा नहीं कर पाती थी। कभी सफाईं कर्मचारियों को वेतन समय पर नहीं मिलता था तो कभी वित्तीय विवाद को लेकर मामला हाईं कोर्ट में जाता था। वेंद्र सरकार तो कहती थी कि उसने राज्य सरकार को निगमों को देने के लिए पैसे दे दिया किन्तु राज्य सरकार की मुश्किल यह थी कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम जो ज्यादा टैक्स वसूलता था, वह तो अपने खच्रे पूरा कर लेता था लेकिन दो और निगमों के पास अपने खर्च पूरा करने के लिए ही टैक्स वसूली नहीं हो पाती थी। राज्य सरकार ठन-ठन गोपाल नगर निगमों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय व्यवस्था करती तो दूसरे महीने से ही फिर हाहाकार मच जाता। ऐसे में स्थायी समाधान जरूरी था और स्थायी समाधान एक ही था कि तीनों नगर निगमों को एक कर दिया जाए। उम्मीद की जानी चाहिए कि तीनों नगर निगमों के एकीकरण से अब आए दिन राज्य सरकार और निगम आर्थिक विवाद में नहीं उलझेंगे और नगर निगम दिल्लीवासियों की सेवा अच्छी तरह से करेगा।

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