Home » संपादकीय » वो तकनीक जिससे केवल जवाहिरी की मौत हुईं

वो तकनीक जिससे केवल जवाहिरी की मौत हुईं

👤 mukesh | Updated on:6 Aug 2022 4:51 AM GMT

वो तकनीक जिससे केवल जवाहिरी की मौत हुईं

Share Post

—अनिल नरेन्द्र


बताया जा रहा है कि यह वही घर है जिसकी बालकनी पर ड्रोन से मिसाइल दाग कर जवाहिरी को मारा गया। 31 जुलाईं को सूर्योदय हुए कोईं घंटा भर हुआ होगा, जब अल कायदा मुखिया अयमन अलजवाहिरी टहलते हुए बालकनी में आया। बताते हैं—काबुल के एक मुख्य इलाके में स्थित इस घर में रह रहे मिरत्र के इस नामी जेहादी का यह रोजाना का शेड्यूल था। वह सुबह की नमाज के बाद अमूमन बालकनी में आया करता था। मगर पिछले रविवार को वह आखिरी काम था जो वह कर सका। ठीक 6:18 बजे (स्थानीय समय) दो मिसाइल बालकनी पर आकर गिरीं, धमाका हुआ और 71 साल के जवाहिरी की मौत हो गईं। लेकिन भीतर मौजूद जवाहिरी की पत्नी और बेटी को खरोंच तक नहीं आईं, तो यह हमला ऐसा सटीक वैसे हुआ?

इससे पहले कईं बार ऐसा हुआ है जब अमेरिका ने हमले किए और इसमें निशाना चूका या गलती हुईं। अमेरिका ने हमले में जिस तरह की मिसाइल का इस्तेमाल किया वो सबसे अहम है। यह हेलफायर मिसाइल थी जिन्हें ड्रोन से दागा गया। यह हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इन मिसाइलों को हवा से, हेलीकॉप्टर से, हवाईं जहाज से तो कभी जमीन पर किसी वाहन से, कभी समुद्र से या फिर जवाहिरी के मामले में, ड्रोन से दागा जाता है। जब किसी मिसाइल को ड्रोन से दागा जाता है तो कईं बार उसको चलाने वाला ऑपरेटर कहीं दूर किसी एसी कमरे में बैठा होता है। वो लक्ष्य का लाइव वीडियो स्ट्रीम देखता होता है, जो ड्रोन पर लगे वैमरे में लगे सेंसर्स सैटेलाइट के माध्यम से भेजते रहते हैं। वैमरा ऑपरेटर स्व््रीन पर लगे टारगेटिंग ब्रेकेट्स का इस्तेमाल कर लक्ष्य को लॉक कर देता है और फिर एक लेजर किरण पेंकते हैं।

इसके बाद जैसे ही मिसाइल दागी जाती है, वो लेजर के रास्ते सीधे लक्ष्य पर चोट करती है। जवाहिरी पर हुए हमले के बारे में एक और बात कही जा रही है, जिसकी हालांकि पुष्टि नहीं हुईं है कि अमेरिका ने हेलफायर मिसाइल के एक ऐसे प्राकार का इस्तेमाल किया जिसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, आर नाइन एक्स (आर9एक्स) में छह ब्लेड होते हैं जो काइनेटिक एनजा का इस्तेमाल कर लक्ष्य को भेदता है। यह मिसाइल टारगेट के आसपास रहने वाले लोगों और चीजों को नुकसान नहीं पहुंचाती। जब इससे हमला किया गया तो जवाहिरी जिस घर में था, उसकी सिर्प एक मंजिल पर वुछ खिड़कियों को नुकसान पहुंचा।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा—हमने काफी समय तक जवाहिरी के ठिकाने पर नजर रखी। हमने काबुल के एक घर की बालकनी में उसे कईं बार देखा। अल-जवाहिरी के घर की रेकी की गईं। रोजमर्रा की गतिविधियों का पता लगाया गया और पता लगाया गया कि वह जिस घर में रहते है, उसमें और कौन-कौन रहता है। बताया जा रहा है कि घर में जवाहिरी के साथ मौजूद महिलाएं ट्रेड क्राफ्ट का इस्तेमाल करती थीं। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया था कि जवाहिरी की लोकेशन की जानकारी सामने न आए। इतना ही नहीं, जवाहिरी भी घर से बाहर नहीं निकलता था। जैसे-जैसे समय बीतता चला गया, अमेरिकी अधिकारियों ने घर में इस्तेमाल किए जाने वाले पैटर्न का पता किया। मसलन जवाहिरी कबकब घर की बालकनी में आता है। सीआईंए ने चार महीने की जवाहिरी की ट्रैकिग की और फिर 31 जुलाईं को अल-जवाहिरी को मार गिराया गया। ओसामा बिन लादेन के बाद अल-जवाहिरी अमेरिका की उल्लेखनीय सफलता है और अल कायदा को जबरदस्त झटका।

Share it
Top