नासमझी

👤 mukesh | Updated on:6 May 2024 4:45 AM GMT

नासमझी

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदू संगठनों के नेताओं की हत्या की साजिश के आरोप में शनिवार को सूरत से एक मौलवी मोहम्मद सोहेल उर्फ अबू बकर तीमाल को गुजरात की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर जो खुलासा किया है, उससे लगता है कि वुछ लोग मजहबी सनक के शिकार हैं। गुजरात पुलिस के मुताबिक मौलवी सोहेल के निशाने पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा, तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा, हिंदू सनातन संघ के अध्यक्ष उपदेश राणा और सुदर्शन टीवी के प्रमुख सुरेश चह्वाण थे। पुलिस के मुताबिक मोहम्मद सोहेल की देश विरोधी गतिविधि की खुफिया जानकारी मिली थी। इस पर टीम लगातार नजर रख रही थी। असल में आरोपी को पाकिस्तान और नेपाल के लोगों के साथ एक हिंदू संगठन के नेता की हत्या के लिए एक करोड़ रुपए की सुपारी देने और पाकिस्तान से हथियार खरीदने की साजिश रचते हुए पकड़ा। आरोपी को पाकिस्तान और नेपाल के उसके आकाओं द्वारा लाओस में एक सिम कार्ड भी उपलब्ध कराया गया था।

सच तो यह है कि जब कोईं व्यक्ति या संगठन किसी व्यक्ति या संगठन से ईंष्र्यां करता है या बदले की भावना से काम करने की साजिश रचता है, तब वह यह भूल जाता है कि उसके कर्मो का परिणाम क्या होगा। दो दशक पहले गुजरात में हुए दंगों में हिंदू और मुस्लिम दोनों मरे थे और अदालतों ने कईं स्तर पर दोषियों को दंड भी दिया है कितु जब न्याय करने की जिम्मेदारी खुद ही कोईं व्यक्ति या संगठन अपने हाथ में ले ले तो सरकारी एजेंसियों का हाथ तो उसे पकड़ेगा ही। यदि सोहेल न पकड़ा जाता और वह अपने षडांत्र में सफल होता तब देश में सांप्रदायिकता की आग तो लगती ही और इस आग में कितने निर्दोष मरते इसका अंदाजा इस मौलवी को शायद नहीं रहा होगा या उसने इस बात की परवाह नहीं की होगी कि उसके षडांत्रकारी इरादे का परिणाम कितना भयानक होगा!

सोहेल जैसे लोग जो भाजपा और हिंदू संगठनों के खिलाफ हिंसक षडांत्र में शामिल होते हैं उन्हें इस बात का भी अंदाजा नहीं है कि उनके इस वुवृत्य का दुष्परिणाम उनकी समूची कौम के लिए घातक होता! यदृापि यह कहने की जरूरत नहीं है कि देश का मुस्लिम समाज सोहेल की तरह नहीं सोचता वह अपने विरोध के लिए लोकतांत्रिक तरीके में विश्वास रखता है।

बहरहाल गुजरात की पुलिस ने इस षडांत्रकारी को गिरफ्तार तो कर लिया है कितु अभी इस बात की जानकारी हासिल करने की जरूरत है कि पाकिस्तान और नेपाल स्थित हैंडलर व सोहेल के बीच इस तरह का सौदा कराने वाला भारत से बाहर या गुजरात में कौन षडांत्रकारी मौजूद है। खुफिया एजेंसियां एक-एक कर ऐसे षडांत्रकारियों को पकड़ेगी तभी सारे मामले खुलकर सामने आएंगे। लब्बोलुआब यह है कि चुनाव के दौरान मौलवी सोहेल के पकड़े जाने के बाद जो विमर्श बना वह जनमानस को प्रभावित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता हैं। इन्हीं हरकतों से संबंधित खबरों से भी ध्रुवीकरण की स्थिति पैदा होती है और इस तरह की स्थिति के लिए सोहेल जैसे नासमझ जिम्मेदार होते हैं।

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